ज्योतिरादित्य को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस चल सकती है ये दांव
New trick to stop Jyotiraditya, Priyanka Gandhi may go to Rajya Sabha from Madhya Pradesh ज्योतिरादित्य को रोकने का नया दांव, मप्र से राज्यसभा जा सकती हैं प्रियंका गांधी
बेंगलुरु। कमलनाथ के दिल्ली आवास पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ समन्वय बैठक में हुए कथित टकराव के बाद मप्र में सिंधिया समर्थक आग बबूला हैं। खुलेआम मुख्यमंत्री कमलनाथ के विरुद्ध मुखर होकर बयानबाजी हो रही है। दावा किया जा रहा है कि अभी तो सिंधिया समन्वय बैठक से बाहर निकलकर आएं है अगर पार्टी से बाहर चले गए तो मप्र में दिल्ली जैसे हालात हो जाएंगे। इन अटकलों के बावजूद कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्य सभी की राह रोकने के लिए नया दांव चलने की फिराक में दिख रही हैं।
ज्योतिरादित्य के खिलाफ खेला जा सकता हैं प्रियंका कार्ड
बता दें अगले दो महीने में राज्यसभा में कई सीटें खाली होने वाली हैं, ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है, इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य के विरोधी तेवरों के चलते उनकी राह राज्य सभा में राह रोकने के लिए प्रियंका कार्ड खेला जाएगा। कांग्रेस सू्त्रों के अनुसार सिधिंया का पत्ता काट कर प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्ययसभा भेजा जा सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कड़वाहट के दौर में राज्यसभा चुनाव पर राजनीतिक दांवपेंच आरंभ हो चुका हैं। प्रियंका को राज्यसभ भेजने के पीछे ज्योतिदित्य सिंधिया को पीछे करने की रणनीति हैं।
सिंधिया को साइड लाइन करने की चल रही कोशिश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ सड़क पर उतरने के बयान के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस सिंधिया को साइड लाइन करने की कोशिश करती दिखाई दे रही हैं। हालांकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अन्य कई बड़े नेता हैं जो सिंधिया की राह में बड़ा रोड़ा बन सकते हैं। लेकिन कांग्रेस सूत्रों की माने तो राज्यसभा चुनाव को टारगेट बनाकर यह प्रयास चल रहे हैं। सोमवार को प्रियंका गांधी को राज्य सभा में भेजने की खबरों के बाद प्रियंका का नाम मध्य प्रदेश की एक सीट से चर्चा में लाकर इन कोशिशों को और परवान चढ़ गया।
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सिंधिया को दौड़ से किया जा सकता है बाहर
माना जा रहा हैं कि राज्यसभा की रिक्त होने वाली तीन सीटों में से कांग्रेस को दो सीटें मिलना तय हैं, जिनमें एक सीट को इस तरह सुरक्षित बताकर दूसरी सीट पर वैकल्पिक नामों में सिंधिया-दिग्विजय के बीच मुकाबला करवाने की कांग्रेस की रणनीति हैं। कांग्रेस की मध्य प्रदेश संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस स्थिति में प्रदेश व हाईकमान में दिग्विजय के नाम पर सहमति बनाकर सिंधिया को दौड़ से बाहर किया जा सकता है।
प्रियंका गांधी क्या इसके लिए मानेगी ?
वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं इस बारे में स्पष्ठ विचार हैं कि चूंकि प्रियंका गांधी का राजनीति का केंद्र उत्तर प्रदेश हैं और वहां वो पिछले कई महीनों से कांग्रेस की नींव मजबूत करने में जुटी हुई हैं ऐसे में वो मध्य प्रदेश से राज्यसभा में नहीं जाएंगी। हालांकि इस संबंध में प्रियंका गांधी की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
दो सीटों के लिए ये हैं दावेदार
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीट खाली होने वाली हैं। माना जा रहा हैं कि जिसमें दो कांग्रेस और एक भाजपा के पास जाना निर्धारित है। कांग्रेस की 2 सीटों पर पहले ही दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दावेदार हैं। लेकिन अब हाईकमान की तरफ से प्रियंका गांधी का नाम भी चर्चा में आ रहा है। ऐसी स्थिति में किसी दिग्गज नेता में से किसी एक को फिलहाल सदन में जाने का मौका छोड़ना पड़ सकता है। फ़िलहाल इन सीट पर दिग्विजय सिंह, प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया सदस्य हैं।
पार्टी में चल रही अंर्तकलह
मालूम हो कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने एक वर्ष से अधिक हो चुका हैं लेकिन दिग्गज नेताओं और उनके समर्थकों की तल्ख बयानबाजी से लगता है कि पार्टी में भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। नेताओं के बीच मतभेद ही नहीं, मनभेद भी नजर आने लगे हैं। प्रदेश के दिग्गज नेता, सिंधिया और उनके समर्थक कई बार सरकार के कामकाज व दिग्विजय सिंह की दखलंदाजी को लेकर तीखे तेवर समय- समय पर दिखाते रहे हैं। वहीं, कमलनाथ के करीबी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा हों या वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, सिंधिया व उनके समर्थकों की बयानबाजी पर सरकार का बचाव करते दिखते हैं।
तीन हिस्सों में बट चुकी है कांग्रेस
कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस तीन गुटों में बंटी हुई है जिसमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे हैं, जिनके आस- पास ही यहां कांग्रेस की राजनीति घूमती हैं। इनके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरण यादव के गुट भी प्रदेश कांग्रेस की सियासत को प्रभावित करते रहते हैं। इन सभी में सिंधिया सबसे अलग हैं और मौका आने पर एक-दूसरे से समन्वय कर राजनीति करते रहते हैं। कमलनाथ सरकार में सदा पेंच करने वाले सिंधिया के खिलाफ भले ही खुलकर कमलनाथ बयान देने से बच रहे हो लेकिन मन ही मन वो भी मध्यप्रदेश में सिंधिया को साइड लाइन कर देना चाहते हैं। ताकि आए दिन उन्हें सरकार चलाने में कोई अवरोध न हो।
कांग्रेस राज्य सभा में भेजना चाहती हैं सशक्त चेहरा
लोकसभा में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी पहले से मौजूद है लेकिन राज्यसभा में पार्टी को बीजेपी से मुकाबले के लिए एक नए सशक्त चेहरे की तलाश है, ऐसे में प्रियंका गांधी से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है इसलिए प्रियंका को उच्चसदन में भेजने की बात हो रही है, वैसे भी राज्यसभा में अभी जितने भी नेतागण हैं, वो काफी वयोवृद्ध हैं, इसलिए पार्टी को वहां एक तेज-तर्रार और ऊर्जावान नेता की जरूरत है और ये गुण प्रियंका गांधी में है, इसलिए इस बाद कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजा जाए।
प्रियंका संभाल रही हैं महासचिव का कार्यभार
प्रियंका गांधी मालूम हो कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के पार्टी महासचिव के तौर पर काम कर रही हैं और वो लगातार यूपी का दौरा कर रही हैं, वो प्रदेश में मरणासन्न पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश कर रही हैं, राज्य में पूरे दो साल बाद चुनाव है, ऐसे में प्रियंका गांधी अभी से ही इस ओर काम कर रही हैं, वैसे प्रियंका ने राज्य के बाहर दिल्ली और अन्य जगहों पर भी हाल ही में चुनाव प्रचार किया था
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