लोकसभा चुनाव के पहले UP BJP में अहम बदलाव, मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिंह की हुई वापसी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने शुक्रवार देर रात अपनी टीम का ऐलान कर दिया। इस टीम में 15 प्रदेश उपाध्यक्ष, संगठन महामंत्री समेत 7 महामंत्री और 16 प्रदेश मंत्री बनाए गए हैं। इस नई टीम में एक व्यक्ति एक पद के नियम का अनुसरण करते हुए भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को पदाधिकारी पद से हटा दिया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष और महामंत्री का 1-1 पद अभी खाली रखा गया है। पाण्डेय की नई टीम में जिन लोगों को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है उसमें संजीव बालियान. कान्ता कर्दम. जसवंत सैनी. जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह. नवाब नागर. शिवनाथ यादव, पदम सेन चौधरी, पुरूषोत्तम खंडेलवाल, अक्षयवरलाल गौड़, राकेश त्रिवेदी, बीएस वर्मा, सुधीर हलवासिया, रंजना उपाध्याय और लक्ष्मण आचार्य का नाम शामिल है।
इस टीम में दयाशंकर की वापसी
बता दें कि इस टीम में दयाशंकर की वापसी हुई है। दयशंकर सिंह ने ही साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को अपशब्द कहा था, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उनकी पत्नी स्वाति सिंह, राज्य में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री हैं। इस नई टीम में 6 प्रदेश महामंत्री बनाए गए हैं। इसमें पंकज सिंह, गोविंद शुक्ला, अशोक कटारिया, विजय बहादुर पाठक, सलिल बिश्नोई और विद्या सोनकर का नाम शामिल है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण
वहीं युवा मोर्चा के यूपी अध्यक्ष सुभाष यादव, SC मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर , ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष दर्शना सिंह, पश्चिमी क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्विनी त्यागी और अवध क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी को नियुक्त किया गया है। महेंद्र पाण्डेय की इस नई टीम को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सरकार में शामिल हो सकते हैं लोग
पार्टी में हर वर्ग के वोटर को अपने साथ रखने के लिए लगभग हर वर्ग का नाम इस सूची में शामिल है। ब्राह्मणों को मनाने के लिए गोविंद नारायण शुक्ल को महामंत्री,त्रयम्बक नाथ तिवारी,रामतेज पांडेय और सुब्रत पाठक को मंत्री बनाया गया है। दूसरी ओर सूत्र यह दावा भी कर रहे हैं कि जिन लोगों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया गया है और जिन मजबूत दावेदारों को संगठन में जगह नहीं मिल सकी उन्हें सरकार में शामिल किया जा सकता है।
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