कोरोना से ठीक हुए मरीज 6 माह तक वायरस के किसी भी रूप से रहते हैं सुरक्षित, शोध में कई बड़ी बातें आई सामने
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का खात्मा अब शुरू हो चुका है। देश में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अबतक करीब 14 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। लेकिन इस बीच एक अध्यन सामने है जिससे ये पता चला है कि जो मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं वो कम से कम 6 महीने या उससे भी अधिक समय के लिए नए कोरोना वायरस से सुरक्षित रहते हैं। अध्ययन के अनुसार संक्रमित होने के बाद लंबे वक्त तक प्रतिरोधक तंत्र विकसित होता है और यह वायरस के अन्य स्वरूपों जैसे की संक्रमण के दक्षिणी अफ्रीकी स्वरूप को भी रोक सकता है।
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'नेचर' मैगजीन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि प्रतिरोधी कोशिकाएं एंटीबॉडीज बनाते हैं जो बाद में विकसित होती रहती हैं। अमेरिका के रॉकफेलर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन 'अब तक का सबसे मजबूत साक्ष्य' पेश करता है कि प्रतिरोधी तंत्र वायरस को 'याद' रखता है और संक्रमण समाप्त होने के बाद भी एंटीबॉडीज की गुणवत्ता में सुधार करता रहता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं और वो फिर जैसे ही वायरस के संपर्क में आता है तो तंत्र तेजी से तथा और प्रभावी ढंग से काम करना शुरू कर देता है और पुन: संक्रमित होने से रोकता है। अध्ययन में शामिल रॉकफेलर विश्वविद्यालय के माइकल सी नूसेन्जवीग कहते हैं, 'यह वास्तव में उत्साहित करने वाली खबर है। जिस तरह की प्रतिरोधी प्रतिक्रिया हम यहां देख रहे हैं,वह कुछ वक्त के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर सकती है।'
आपको बता दें कि पूर्व के अध्ययनों ने कहा गया था कि वक्त के साथ इनका स्तर काफी हद तक गिर जाता है। अब शोधकर्ताओं ने पाया कि हर वक्त एंटीबॉडीज तैयार करने के बजाए प्रतिरोधी तंत्र एक 'मेमोरी बी सेल' (कोशिका) बनाता है ,जो कोरोना वायरस को पहचानती है और जब वह दूसरी बार इसके संपर्क में आती है तो तत्काल नए एंटीबॉडीज छोड़ देती है।
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