गांधी परिवार के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को लेकर CRPF ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को लिखी चिट्ठी
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब सीआरपीएफ के कंधों पर है। इस महीने की शुरुआत में गांधी परिवार से एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा वापस ले ली गई थी और उसकी जगह उन्हें जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सीआरपीएफ ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद एक विशेष वीवीआईपी सुरक्षा यूनिट तीनों नेताओं की सुरक्षा में तैनात किए हैं। पैरामिलिट्री फोर्स ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश को तीनों नेताओं की सुरक्षा के बाबत पत्र भी लिखा है। सूत्रों के मुताबिक, CRPF गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष बख्तरबंद वाहनों की खरीद के लिए मंत्रालय से अनुमति लेने की योजना भी बना रही है।
गांधी परिवार के तीन सदस्यों सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में सीआरपीएफ की विशेष वीआईपी सिक्योरिटी कवर देने वाली टीम की 6 कंपनियां तैनात की गई है। 6 कंपनियों में कुल 600 कंमाडो हैं, जो गांधी परिवार की सुरक्षा करते हैं। यही नहीं, जेड प्लस सिक्योरिटी के तहत गांधी परिवार के हर सदस्य के साथ सीआरपीएफ के दो सो कंमाडोज होते हैं, जबकि उनके घर के बाहर की सुरक्षा दिल्ली पुलिस के जवानों के हाथों में होती है।
इसके पहले, संसद में आज गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए के मुद्दे पर हंगामा हुआ। राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के मुद्दे पर कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा की संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि किन कारणों से ये सुरक्षा वापस ली गई है।