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डोकलाम तक BRO ने तैयार की सड़क, अब सात घंटे नहीं बस 40 मिनट में पहुंच सकेगी सेना!

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India ने बढ़ाई China की टेंशन, अब 7 घंटे नहीं 40 मिनट में Doklam पहुंच जाएगी Army | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्‍ली। भारत ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसके बाद चीन की टेंशन दोगुनी हो जाएगी। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने डोकलाम घाटी में सेना के दाखिल होने के लिए वैकल्पिक रोड का निर्माण कर डाला है। डोकलाम वही जगह है जिसकी वजह से साल 2017 में भारत और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया था और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। करीब 73 दिनों बाद आपसी बातचीत के बाद संकट टला और सेनाएं पीछे हटी थीं। डोकलाम घाटी जिस जगह पर है उसी जगह पर चीन की चुंबी वैली है और भूटान-भारत की सीमाएं भी यहीं मिलती हैं। माना जा रहा है कि डोकलाम में सड़क का निर्माण दोनों देशों बीच सैन्‍य समीकरणों को बदल सकता है।

 डोकला बेस तक पहुंचने में आसानी

डोकला बेस तक पहुंचने में आसानी

बीआरओ की तरफ से बताया गया है कि उसने भारतीय सेना के रणनीतिक डोकला बेस तक जाने वाली सड़क के लिए निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। यह सड़क विवादित सिक्किम के करीब डोकलाम में आती है। इसके निर्माण के बाद सेना को इस बेस तक पहुंचने में बस 40 मिनट का समय लगेगा। पहले जवानों को यहां तक पहुंचने में सात घंटे तक लग जाते थे। सड़क हर मौसम के लिए मुफीद है और साथ ही इस पर कितने भी वजन का सामान ले जाया जा सकता है। डोकलाम विवाद के समय भारतीय जवानों को यहां तक पहुंचने में करीब सात घंटे का समय लग गया था। उस विवाद ने ही एक ऐसे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के निर्माण पर जोर दिया जिसके जरिए समय की बचत हो सके।

2017 में यहीं हुआ था विवाद

2017 में यहीं हुआ था विवाद

इस रोड के लिए निर्माण कार्य की मंजूरी साल 2015 में दी गई थी। 16 जून 2017 को भारत और चीन के बीच डोकलाम में उस समय विवाद शुरू हुआ जब पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी के जवान स हिस्‍से में दाखिल हो गए और उन्‍होंने निर्माण कार्य के बाद यहां पर कुछ बदलाव करने की कोशिश की। चीन इस जगह पर अपना हक जताता है तो भूटान इसे अपना बताता है। 28 अगस्‍त 2017 को बॉर्डर पर्सनल मीट (बीपीएम) के साथ ही यह विवाद सुलझ सका।

61 सड़कों का निर्माण पूरा

61 सड़कों का निर्माण पूरा

बीआरओ ने अब तक भारत-चीन बॉर्डर पर करीब 61 ऐसी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है जो रणनीतिक तौर पर काफी महत्‍वपूर्ण हैं। ये सड़कें 3,346 किलोमीटर तक का रास्‍ता कवर करती हैं और इनमें से 3,298 सड़कें अब कनेक्‍टेड हैं। वहीं 2,400 किलोमीटर तक की सड़क यानी 72 प्रतिशत सड़कें इनमें से ऐसी हैं जो हर मौसम के प्रतिकूल हैं। बीआरओ इस वर्ष 11 भारत-चीन रणनीतिक सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर लेगा। वहीं अगले वर्ष तक नौ सड़कों का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

अरुणाचल में भी तैयार कुछ सड़कें

अरुणाचल में भी तैयार कुछ सड़कें

बीआरओ के सूत्रों की मानें तो छह सड़कों में से तीन पूर्व में हैं तो तीन पश्चिम में हैं। पिछले कुछ वर्षों से लगातार भारत-चीन सीमा के करीब सड़कों का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से इस क्षेत्र में सैन्‍य स्थिति भी बदल रही है। अरुणाचल प्रदेश में भी बीआरओ ने कुछ सड़कों का कंस्‍ट्रक्‍शन वर्क पूरा कर डाला है।

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English summary
New road in Doklam and it takes only 40 minute to reach Indian Army there and its a worry for China.
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