कालापानी बॉर्डर: विदेश मंत्रालय ने कहा, नेपाल के लिए नक्शे में बदलाव का सवाल ही नहीं
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के बीच कालापानी बॉर्डर को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है। नेपाल, भारत के उस नक्शे से नाराज है जिसमें उत्तराखंड-नेपाल की सीमा पर पड़ने वाले कालापानी को भारतीय क्षेत्र में दिखाया गया है। हालांकि, नेपाल इस मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है। इन सबके बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का बयान आया है।
रवीश कुमार ने कहा कि हमारा नक्शा भारत के संप्रभु क्षेत्र को सही तरीके से चित्रित करता है। नए नक्शे में नेपाल के साथ लगी हमारी सीमा में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सरकार ने साथ ही ये भी कहा है कि परिसीमन की प्रक्रिया अभी भी जारी है। विदेश मंत्रालय की तरफ से ये बयान ऐसे समय में आया है जब नेपाल की मीडिया में खबरें आईं थी कि 15 जनवरी को इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत होगी।
भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य ने कहा था कि कालापानी समेत सीमा से जुड़े सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए नेपाल विदेश सचिव स्तरीय व्यवस्था चाहता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि रिश्तों में खटास को रोकने के लिए कालापानी सीमा से जुड़े मुद्दे को सुलझाना जरूरी है। दूसरी तरफ, नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर दो वास्तविक नक्शे को उपलब्ध कराने को कहा है।
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इसके पहले, नए नक्शे पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की तरफ से बयान दिया गया था। ओली ने कहा था, 'सरकार किसी को भी अपनी जमीन का एक इंच हिस्सा भी नहीं लेने देगी।' उन्होंने आगे कहा था, 'पड़ोसी देश को तुरंत हमारी सीमा से अपनी सेना को वापस बुलाना पड़ेगा।' जबकि नेपाल के पीएम के इस बयान के बाद भारत की तरफ से साफ किया गया था कि उसने नेपाल से सटी सीमा के साथ किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।