कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर साबित हुई नई दवा, ये है नाम
नई दिल्ली। अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में एक अस्पताल के डॉक्टरों ने आरएलएफ-100 नाम की नयी दवा का इस्तेमाल किया है, जिससे गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के वे मरीज तेजी से स्वस्थ हुए जिन्हें सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी। इस दवा ने इन मरीजों पर बहुत अच्छे परिणाम दिखाए हैं और इनमें तेज रिकवरी देखने को मिली। इस दवा को एविप्टाडिल नाम से भी जाना जाता है। अमेरिकी प्रशासन ने आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए इस दवा को मंजूरी दे दी है।
ह्यूस्टन मेथडिस्ट अस्पताल ने इस दवा के इस्तेमाल से वेंटीलेटर वाले मरीजों के तेजी से स्वस्थ होने की जानकारी दी है। न्यूरोएक्स और रिलीफ थेराप्यूटिक्स ने मिलकर इस दवा को बनाया गया है। एविप्टाडिल वैसोएक्टिव इंटेस्टाइनल पॉलीपेप्टाइड का फॉर्म्यूलेशन है जो फेफड़े में बड़ी मात्रा में पाया जाता है जो की तरह के इनफ्लेमेटरी काइटोकाइंस को ब्लॉक करता है। दवा बनाने वाली कंपनी न्यूरोएक्स के अनुसार स्वतंत्र अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि एविप्टाडिल मानव फेफड़ों की कोशिकाओं और मोनोसाइट्स में सार्स कोरोना वायरस की कॉपी बनने से रोकता है।
रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 की चपेट में आया 54 वर्षीय व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार होने के बाद इस दवा के इस्तेमाल से चार दिन के भीतर वेंटीलेटर से हट गया। इसके अलावा 15 से अधिक मरीजों पर भी इलाज के ऐसे ही नतीजे देखे गए।न्यूरोएक्स के सीईओ जोनाथन जैविट ने कहा, अन्य किसी भी वायरल रोधी एजेंट ने वायरल संक्रमण से इतनी तेजी से उबरने की दर नहीं दिखाई।
उधर दवा कम्पनी लुपिन फार्मा ने बुधवार को कोविड-19 की दवा 'कोविहाल्ट' लॉन्च की। 'कोविहाल्ट' से कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जाएगा। इस दवा में एंटी-वायरल ड्रग फेविपिराविर की ही डोज है। बाजार में इसकी एक गोली 49 रुपए में उपलब्ध होगी। कम्पनी के मुताबिक, दवा को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से अनुमति मिल गई है।
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