आज सियाचिन का दौरा करेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना के जवानों से करेंगे मुलाकात
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नई दिल्ली। नए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित वॉरजोन सियाचिन का दौरा करेंगे। सिंह इसके साथ ही यहां पर तैनात सेना के जवानों और ऑफिसर्स से भी मुलाकात करेंगे। सियाचिन से रक्षा मंत्री जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर जाएंगे और यहां पर सेना के अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद यह रक्षा मंत्री का पहला आधिकारिक दौरा है। रक्षा मंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
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रूटीन ऑपरेशंस की लेंगे जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'आज मैं लद्दाख के लिए दिल्ली से निकल रहा हूं, जम्मू कश्मीर भी जाऊंगा। मैं सियाचिन में तैनात सैनिकों के साथ मिलने और उनसे बातचीत करने को लेकर काफी उत्सुक हूं। बाद में मैं श्रीनगर में तैनात सैनिकों से भी मुलाकात करूंगा।' राजनाथ सिंह के साथ सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी होंगे और रक्षा मंत्रालय के दूसरे सीनियर ऑफिसर्स भी उनके साथ होंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से बताया गया है कि रक्षा मंत्री सियाचिन में रूटीन ऑपरेशंस का जायजा भी लेंगे जिसमें इंडियन एयरफोर्स की ओर से सेना को दिया जाने वाला एयर सपोर्ट भी शामिल है। रक्षा मंत्री नॉर्दन कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और कारगिल वॉर के हीरो वाई के जोशी भी होंगे। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति का भी जायजा लेंगे।
Leaving New Delhi for Ladakh on a day long visit to Jammu and Kashmir. Looking forward to interact with the troops in Siachen.
Later in the day, I would be meeting the Indian Army personnel in Srinagar.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 3, 2019
पदभार संभालते ही मिलिट्री ऑफिसर्स से मीटिंग
राजनाथ सिंह ने शनिवार को अपना पदभार संभाला है और ऑफिस संभालते ही उन्होंने मिलिट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ एक मीटिंग की। रक्षा मंत्री ने सेना, नौसेना और एयरफोर्स से कहा है कि वे उनके सामने मौजूद चुनौतियों की अलग-अलग प्रजेंटेशन तैयार करें। साथ ही सेनाओं के कामकाज के तरीकों पर भी एक अलग प्रजेंटेशन तैयार करें। सोमवार को सबसे पहले रक्षा मंत्री लद्दाख की सबसे ऊंचाई वाली बैटलफील्ड थ्वॉइस यानी ट्रांजिट हॉल्ट ऑफ इंडियन सोल्जर्स एनरूट जाएंगे। यहां से उन्हें ऑपरेशनल बेस लेकर जाया जाएगा और फिर वह सियाचिन के लिए रवाना होंगे। सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम रेंज में है और दुनिया का हाइएस्ट बैटलफील्ड है। यहां पर अक्सर सैनिकों को खराब मौसम का सामना करना पड़ता है। हिमस्खलन और भूस्खलन यहां पर आम बात है और सर्दियों में तापमान -60 डिग्री तक चला जाता है।