पश्चिम बंगाल: इलाज के अभाव में हुई मेरे बच्चे की हुई मौत, नहीं मिल रहे थे डॉक्टर- पिता ने लगाया आरोप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर से मारपीट की घटना के विरोध में राज्य भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं जिसके कारण निजी व सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश के डॉक्टर सीएम ममता बनर्जी के अल्टीमेटम के बावजूद हड़ताल पर हैं। वहीं, प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कथित तौर पर इलाज में लापरवाही के कारण गुरुवार को अगरपाड़ा में एक नवजात बच्चे की मौत हो गई।
हड़ताल के कारण कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था- मलिक
बच्चे की मौत पर पिता अभिजीत मलिक ने कहा, 'ये मेरा दुर्भाग्य है। इलाज के अभाव में मेरे बच्चे की मौत हो गई, हड़ताल के कारण कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।' मलिक ने बताया कि बच्चे का जन्म 11 जून को हुआ था और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसकी हालत 12 जून को और भी खराब होने लगी, तब अस्पताल के डॉक्टरों ने चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पास जाने को कहा था। मलिक ने कहा कि वे कई अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने भी उनके बीमार बच्चे को भर्ती नहीं किया जिसके बाद 13 जून की सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया। मलिक ने ये भी आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग ने उनकी कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।
हड़ताल पर हैं कई राज्यों के डॉक्टर
कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार की रात एक मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों पर जानलेवा हमला कर दिया था। इस हमले के खिलाफ डॉक्टर मंगलवार से ही हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को भारतीय चिकित्सा संघ ने देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल का ऐलान किया, जिसके बाद आज दिल्ली समेत देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं।
43 डॉक्टर दे चुके हैं इस्तीफा
दिल्ली के डॉक्टरों ने भी बड़ी संख्या में कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए एक दिन के लिए काम के बहिष्कार का फैसला लिया। कोलकाता में हुई मारपीट का विरोध करते हुए सभी डॉक्टर सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। जबकि पश्चिम बंगाल के आरजी कार मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के 16 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के 27 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है।