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आजादी के 75 साल पूरे होने पर सुभाष चंद्र बोस की बेटी की मांग, नेताजी के अवशेष घर लाए जाएं

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नई दिल्ली, 15 अगस्त। देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने मांग की है कि उनके पिता के अवशेष को वापस भारत लाया गजाए। दरअसल 18 अगस्त 1945 को एक हवाई जहाज दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निधन हो गया था। जिसके बाद जापान के अधिकारियों ने उनके अवशेषों को एकत्र किया और उसे टोक्यो के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित किया गया है। यहां रखे अवशेषों की देखभाल यहां पुजारियों की तीन पीढ़ियां कर रही हैं।

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अनीता बोस फाफ जिनकी उम्र 79 वर्ष है और वह जर्मनी में रहती हैं। उन्होंने कहा कि जापान की राजधानी में नेताजी के डीएनए को संरक्षित किया गया है उसे वापस लाने की कोशिश के लिए मैं तैयार हूं। अनीता बोस का कहना है कि जापान के मंदिर में नेताजी के अस्थियों की राख रखी है उसका परीक्षण किया जाना चाहिए। इसपर मंदिर के पुजारी और जापान सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। वह उसे सौंपने के लिए तैयार भी हैं।

अनीता बोस ने कहा कि आधुनिक तकनीक के जरिए अब कितने भी मुश्किल डीएनए की जांच की जा सकती है, बशर्ते अगर डीएनए को शरीर के अवशेष से सुरक्षित किया गया हो। जिन लोगों को अभी भी इस बात का संदेह है कि नेताजी की 18 अगस्त 1945 को मौत नहीं हुई थी, उनके लिए यह एक मौका है कि वह वैज्ञानिक तरीके से पता लगा सकें कि टोक्यो के मंदिर में रखा अवशेष नेताजी का है या नहीं।

नेताजी की बेटी का कहना है कि रेनकोजी मंदिर और जापान सरकार इस तरह के टेस्ट के लिए तैयार है, जैसा कि भारतीय सरकार के जांच के दस्तावेज में उल्लेखित है। बता दें कि नेताजी की मौत से जुड़े रहस्य से पर्दा उठाने के लिए जस्टिस मुखर्जी कमीशन का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट दी थी। अनीता बोस का कहना है कि अब हमे आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर नेताजी के अवशेष को वापस लाने की तैयारी करनी चाहिए। चूंकि वह आजाद भारत में नहीं रह सके लिहाजा उनके अवशेष को स्वतंत्र भारत की जमीन पर वापस लाना चाहिए।

नेताजी के जीवन में भारत की स्वतंत्रता से बढ़कर कुछ भी नहीं था, हालांकि वह आजादी का अनुभव नहीं कर सके लेकिन उनके अवशेषों को भारत की धरती पर जरूर वापस लाना चाहिए। गौर करने वाली बात है कि नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन अंग्रेजों से लड़ने के लिए किया था। बता दें कि नेताजी के परिवार की एकमात्र सदस्य अनीता हैं जिनका मानना है कि नेताजी की विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी, जबकि उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों का कहना है कि वह इस हादसे में बच गए थे।

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English summary
Netaji Subhash chandra Nose daughter demands his remains to be brought back to India
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