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बोस का रहस्‍य- पत्‍नी एमिली को था भरोसा कि एक‍ दिन जरूर लौटेंगे उनके पति

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कोलकाता। देश के लिए लड़ने वाला एक सिपाही, जिसने अपना आईएएस की नौकरी भी त्‍याग दी, उस सिपाही का क्‍या हुआ, आज तक देश सिर्फ इस सच्‍चाई से रूबरू होने की कोशिशें कर रहा है।

शुक्रवार को इसी मकसद से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से की 64 फाइलों को सार्वजनिक किया गया है। इन फाइलों में एक जिक्र नेताजी की पत्‍नी एमिली शेहनक्‍ल का भी है जिन्‍हें वर्ष 1945 के बाद तक उनके घर लौटने का इंतजार था।

नेताजी के भाई को लिखी थीं चिट्ठियां

फाइलों में एमिली का सुभाष चंद्र बोस के भाई शरत चंद्र बोस के साथ हुए पत्र व्‍यवहार का जिक्र है। एमिली और शरत के बाद 1945 के बाद से चिट्ठियों के जरिए होने वाली बातचीत और बढ़ गई थी।

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इन चिट्ठियों में एमिली हमेशा अपनी बेटी अनिता पाफ के बारे में बात करती थीं। वह नेताजी के परिवारवालों को बताती थीं कि अनिता अब बड़ी हो रही है। हर दिन एमिली को बस इस बात का इंतजार रहता था कि अनिता के पिता और उनके पति नेताजी एक दिन जरूर लौटेंगे।

सरकार रखती थी हर पल नजर

उस समय की सरकार ने उस समय सोचा कि नेताजी जिंदा हैं या नहीं, यह बात उनकी पत्‍नी को जरूर मालूम होगी। इस वजह से ही परिवार की जासूसी कराई जाने लगी। एमिली और नेताजी के परिवार के बीच हो रहे इस पत्र व्‍यवहार पर भी सरकार की नजर रहने लगी।

एमिली ने लिखा, 'आपके भाई जरूर वापस आएंगे'

एमिली ने इस चिट्ठी में यह भी बताया था कि नेताजी और उनकी शादी हिंदु रीति रिवाजों के साथ जर्मनी में हुई थी लेकिन शादी का रजिस्‍ट्रेशन नहीं हो पाया। इन फाइलों में इस तरह की कई चिट्ठियां हैं जिनमें उनकी बेटी अनिता का जिक्र है।

एक और चिट्ठी में एमिली ने नेताजी के भाई शरत चंद्र को लिखा है, 'इस तरह की बातें हो रही हैं कि नेताजी की मौत हो चुकी है। लेकिन फिर भी मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि एक दिन आपके भाई जरूर लौटेंगे और यह विश्‍वास एक दिन सच में जरूर बदलेगा।'

जब एमिली थीं आर्थिक संकट में

इन फाइलों में चार मई 1946 का जिक्र है जब नेताजी की पत्‍नी एमिली को विधवा के तौर पर लिखा गया है। एमिली और नेताजी की मुलाकात बर्लिन में वर्ष 1941 में हुई थी और दोनों ने वर्ष 1942 में शादी कर ली थी।

इस फाइल में पश्चिम बंगाल के इंटेलीजेंस ब्‍यूरो की ओर से एक अहम बयान का जिक्र है। इसके मुताबिक नेताजी की वर्ष 1945 में हुई मौत के बाद एमिली ने कोलकाता में उनके परिवार को एक‍ चिट्ठी लिखी थी।

इस चिट्ठी में उन्‍होंने अपनी बेटा का जिक्र किया था। साथ ही यह भी लिखा था कि उन्‍हें परिवार से कुछ वित्‍तीय मदद की जरूरत है।

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English summary
Emilie Schenkl the wife of Netaji Subhas Chandra Bose was in constant touch with the family of the revolutionary leader. She was hopeful that her husband will be back to home.
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