कितने राज छिपे 12,744 पन्नों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के
कोलकाता। शुक्रवार को जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 12, 744 पेज की फाइलें सार्वजनिक हुईं तो उसके बाद से ही लोगों को उनसे जुड़े कई राज पर धुंध छटने का इंतजार है।
इन फाइलों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बयान दिया कि उन्होने कुछ फाइलें पढ़ीं हैं और उनका मानना है कि नेताजी वर्ष 1945 के बाद तक जिंदा थे। लेकिन वहीं फाइलों में इस बात से जुड़ें कोई ज्यादा तथ्य नहीं मिलते हैं।
फाइल नंबर 10 का राज
इन फाइलों में एक फाइल है जिसमें स्विस जर्नलिस्ट लिली एबेग की लिखी हुई चिट्ठी है। यह चिट्ठी उन्होंने नेताजी के बड़े भाई शरत चंद्र बोस को लिखी थी।
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उन्होंने इसमें लिखा था कि जापान में मौजूद कुछ सूत्रों की ओर से उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि नेताजी से 1946 में भी जिंदा थे। यह चिट्ठी नौ दिसंबर 1949 को लिखी गई थी।
माना जाता है कि नेताजी की मौत 19 अगस्त 1945 में ताइवान में हुए एक प्लेन क्रैश में हो गई थी। वहीं उनके परिवार वाले और उनके समर्थक इस बात को मानने से साफ इंकार कर देते हैं।
इन फाइलों में फाइल नंबर 10 वह फाइल है जिसमें इस बात की संभावना का जिक्र है कि नेताजी 1945 के बाद तक जिंदा थे। इस फाइल में अमिय बोस को लिखी हुई एक चिट्ठी है तो 1948 में लिखी गई थी।
इस चिट्ठी को जापान के यूनियन इंफॉर्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्ट्री के अधिकारी छोउ हरियांग कुआंग ने लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने अमिय बोस से कहा है कि उन्हें लगता है कि नेताजी अभी तक जिंदा हैं।
परिवार की जासूसी
वहीं कुछ फाइलों में इस बात का भी जिक्र है कि नेताजी के परिवार की जासूसी हुई थी। इन फाइलों में इंडियन नेशनल आर्मी के कुछ जवानों की जासूसी के बारे में भी बात की गई है।
नेताजी के परिवार की जासूसी देश में एक बड़ा मुद्दा है।इन फाइलों में कुछ चिट्ठियां हैं जिनमें इन बातों का जिक्र है कि कैसे नेताजी के परिवार की जासूसी हुई।
यह चिट्ठियां नेताजी की पत्नी एमिली शेनकल ने लिखा है। उन्होंने नेताजी के भाई शरत बोस को यह चिट्ठियां लिखी थीं जिनमें उन्होंने कहा था कि इंटेलीजेंस ब्यूरों उनके परिवार पर नजर रख रहा है।
फाइलों की मानें तो इंटेलीजेंस ब्यूरो के 14 अधिकारी लगातार नेताजी के परिवार पर नजर रखे हुए थे। आजादी के बाद भी कई वर्षों तक उनके परिवार की जासूसी हुई थी। इन फाइलों में उनके परिवार वालों के गुस्से का भी जिक्र है।