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नेस्ले ने सुप्रीम कोर्ट में माना, मैगी में था यह 'जहरीला' पदार्थ

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नई दिल्ली। खाद्य उत्पाद बनाने वाली दिग्गज कंपनी नेस्ले ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कि उसके उत्पाद मैगी ने लेड(सीसा) था। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई में नेस्‍ले की ओर से पेश हुए वकीलों ने इस बात को स्वीकारा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) में लंबित नेस्ले के मैगी मामले में कार्यवाही की अनुमति दे दी है।

हमें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए?

हमें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान नेस्‍ले की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसमें 'निर्धारित सीमा' के भीतर ही सीसा था। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस DY चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने नेस्ले के वकील से कहा उन्हें लेड की मौजूदगी वाला नूडल क्यों खाना चाहिए? उन्होंने पहले तर्क दिया था कि मैगी में लेड की मात्रा परमीसिबल सीमा के अंदर थी, जबकि अब स्वीकार कर रहे हैं कि मैगी में लेड था।

सरकार बनाम नेस्ले की लड़ाई एक बार फिर जोर पकड़ सकती है

सरकार बनाम नेस्ले की लड़ाई एक बार फिर जोर पकड़ सकती है

सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से कहा है कि मैगी के नमूनों के बारे में मैसूर स्थित केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएफटीआरआई) की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने आय़ोग को मामले में कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। कंपनी के वकीलों की इस बात को स्वीकारने के बाद सरकार बनाम नेस्ले की लड़ाई एक बार फिर जोर पकड़ सकती है। बता दें कि, 2015 में ही भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसआई) ने मैगी नूडल्स के नमूनों में तय मानक से अधिक लेड पाए जाने पर इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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सरकार ने नेस्ले के कई टन उत्‍पाद नष्‍ट कर दिए गए थे

सरकार ने नेस्ले के कई टन उत्‍पाद नष्‍ट कर दिए गए थे

जिसके बाद सरकार ने नेस्ले के कई टन उत्‍पाद नष्‍ट कर दिए गए थे। सरकार ने इस मामले में हुए नुकसान के लिए हर्जाने के तौर पर 640 करोड़ रुपये की मांग की थी। सरकार के इस आरोप पर नेस्ले इंडिया ने अक्टूबर 2015 में आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। नेस्ले ने इस याचिका में कहा था कि, उनकी मैगी में तय मानक के मुताबिक लेड है। जिसके बाद नेस्ले सुप्रीम कोर्ट गया जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने एनएसडीआरसी की ओर से की जा रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी।

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English summary
Nestle's lawyers have admitted in Supreme Court toxic elements like lead and MSG are found in Maggi’s sample
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