नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार के सुर बदले, 'भारत और चीन के रिश्तों से तय होगा एशिया का भविष्य'
नई दिल्ली। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा है कि भारत और चीन के रिश्तों पर एशिया का भविष्य निर्भर तय करता है। नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार का यह बयान गुरूवार को चीनी राजदूत के भारत-चीन के रिश्तों की बहाली को लेकर दिए गए एक बयान के बाद आया है।
उन्होंने कहा कि चीन के उदय और भारत के महत्वाकांक्षी उदय के साथ-साथ दोनों आपस में कैसे जुड़ते हैं, उनकी साझेदारी कैसे आगे बढ़ेगी और कैसे दोनों अपने मतभेदों को सुलझाएंगे। उन्होंने कहा कि इन्हीं सवालों के जवाब से एशिया का भविष्य तय होगा।
चीन ने भारत को दी चेतावनी, 'जबरन प्रयासों से दोनों देशों को नुकसान होगा'
वुहान शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच साझेदारी गहरी थी
बकौल प्रदीप ग्यावली, वुहान शिखर सम्मेलन के बाद भारत और चीन के बीच साझेदारी गहरी हो गई थी, लेकिन पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अब वहां तनाव का माहौल है। हालांकि दोनों देश तनाव को कम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं, फिर भी चुनौतियां हैं।
चीन भारत के लिए रणनीतिक रूप से कोई खतरा नहीं हैः चीनी राजदूत
गुरूवार को चीनी राजदूर सुन वेडोंग ने भारत द्वारा लगातार चीनी सामानों के आयातों पर प्रतिबंध लगाने से तिलमिलाकर भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग करने की कोशिश ना करे और अगर भारत ऐसा करता है, तो दोनों देशों को ही नुकसान होगा। उन्होंने आगे कहा कि चीन भारत के लिए रणनीतिक रूप से कोई खतरा नहीं है और दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है।
भारत सरकार के आक्रामक रवैये लचीला रूख अपना रहा है चीन
दरअसल, भारत सरकार के आक्रामक रवैये और कोरोनावायरस महामारी संकट के लिए वैश्विक रूप से जिम्मेदार ठहराए जा रहे चीन अब लचीला रूख अपनाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि एक तरफ जहां पूरा विश्व चीन के खिलाफ लामबंद है, तो दूसरी ओर भारत भी चीन के खिलाफ लगातार व्यापारिक रिश्तों को खत्म करता जा रहा है, जिससे पहले से पस्त पड़ी चीनी अर्थव्यस्था की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। कुछ दिन पहले चीन के सुर में सुर मिला रहे नेपाल के हालिया बयान को भी इसी संदर्भ में देखा जा सकता है।
नेपाली पीएम केपी ओली ने भारत विरोधी बयान देकर तीन गलतियां की हैं
वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली पर इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच देश में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि शर्मा ने हाल में कूटनीति के स्थापित मानकों के विपरीत चिढ़ाने वाले भारत विरोधी बयान देकर तीन गलतियां की हैं। पिछले महीने प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि भारत उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बाहर करने की साजिश कर रहा है
नेपाली पीएम का बयान,'असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है'
उनका यह बयान नेपाल द्वारा एक नया नक्शा मंजूर करने के लिए एक विधेयक पारित करने के बाद आया था, जिसमें नेपाल और भारत के बीच विवाद के केंद्र रहे इलाके लिपुलेख दर्रा, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के तौर पर दिखाया गया था। ओली ने उसके बाद इसी महीने यह दावा करके एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया था कि असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है और भगवान राम का जन्म दक्षिण नेपाल के थोरी में हुआ था।