भारत के क्षेत्र को अपना दिखाने वाले नक्शे के संवैधानिक संशोधन पर 9 जून को नेपाल की संसद में होगा फैसला
भारत के क्षेत्र को अपना दिखाने वाले नेपाल के नक्शे के संवैधानिक संशोधन पर 9 जून को होगा फैसला
नई दिल्ली। नेपाल नौ जून को अपने नए नक्शे के संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे सकता है। नेपाल की मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जून को नए नक्शे को लेकर संवैधानिक संशोधन का होना तय है, इसको लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। नेपाल की संसद से इस संसोधन को मंजूरी मिलते ही नेपाल का नया नक्शे भी संवैधानिक तौर पर वैध हो जाएगा। इस नक्शे में भारत के कुछ क्षेत्रों को नेपाल ने अपना हिस्सा बताया है।
हाल ही में नेपाल ने अब भारत के हिस्से को अपने नक्शे में दिखानेन के लिए संविधान में संशोधन का बिल अपनी संसद में पेश किया है। इस बिल में भारत के नक्शेवाले कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के नक्शे में शामिल किए जाने की बात कही गई है। नेपाल की संसद नौ जून इस बिल को पास कर सकती है। माना जा रहा है कि नेपाल की सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियों में बिल को पास करने को लेकर सहमति बन गई है।
इससे पहले नेपाल की संसद में 27 मई को देश के नक्शे में बदलाव के लिए संवैधानिक संशोधन किया जाना प्रस्तावित था। जिसे टाल दिया गया था। नेपाल सरकार ने कुछ समय पहले भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपना क्षेत्र बताते हुए नया नक्शा जारी किया था। उसी नए नक्शे के अनुसार सांसदों और प्रतीक चिन्ह का लोगो संशोधित किया गया है। संवैधानिक तौर पर इस नए नक्शे को मान्यता मिलने पर ही इसे वैध माना जाता है।
हाल ही में भारत ने लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर के लिए एक लिंक रोड का निर्माण किया था जिसके बाद से भारत और नेपाल के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। नेपाल के नए नक्शे में भारत के क्षेत्रों को अपना बताया गया है। ऐसे में भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है लेकिन ऐसा लगता है कि नेपाल पीछे हटने को तैयार नहीं है।
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