नेपाल सीमा विवाद पर सुषमा स्वराज के पति ने मनीषा कोइराला को याद कराई-1942-ए लव स्टोरी
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस और नेपाली मूल की मनीषा कोईराला ने नेपाल के नए नक्शे का समर्थन किया है। मनीषा की ट्विटर पर जमकर आलोचना हो रही है। अब पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति भी इस विवाद में आ गए हैं। गर्वनर स्वराज कौशल ने इस पूरे विवाद के बीच ही मनीषा को बताया है कि भारत और नेपाल के बीच क्या रिश्ता है और क्यों उन्हें चीन को इस पूरे विवाद के बीच में नहीं लाना चाहिए था। आपको बता दें कि नेपाल के नक्शे का समर्थन करने के बाद मनीषा को ट्विटर पर सेंसर कर दिया गया है।
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स्वराज ने किया एक किस्से का जिक्र
गर्वनर स्वराज ने किए एक के बाद एक ट्वीट कर मनीषा को उन मुश्किल हालातों के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने उनके परिवार के साथ उस समय को बिताया था। मिजोरम के पूर्व राज्यपाल रहे स्वराज कौशल ने मनीषा की साल 1994 में आई फिल्म, '1942: ए लव स्टोरी' का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह फिल्म देखने के लिए रुकना नहीं चाहते थे मगर उनकी पत्नी सुषमा स्वराज और बेटी फिल्म देखना चाहते थे। विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म भारत में ब्रिटिश शासन की पृष्ठभूमि पर बनी है। स्वराज कौशल ने लिखा, 'मेरी बेटी मैं तुमसे बहस नहीं कर सकता हूं। मैंने हमेशा आपको अपनी बेटी की ही तरह समझा है। जब आपने हमें अपनी फिल्म '1942: ए लव स्टोरी' के प्रीमियरर के लिए इनवाइट किया था तो मैं फिल्म के लिए नहीं रुका था।'
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मनीषा को याद दिलाए उनके दिल्ली के दिन
इसके बाद उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी सुषमा को टैग किया है और लिखा, 'सुषमा ने यह फिल्म देखी और तुम्हारी गोद में बांसुरी थी। 27 साल हो चुके हैं इस बात को। सन् 1977 में आप साउथ एक्सटेंशन में रहती थीं और साकेत एपीजे स्कूल में पढ़ती थीं। आपके पिता प्रकाश कोईराला मेरे भाई की तरह थे और आपकी मां सुषमा कोईराला मेरी भाभी और दोस्त रही हैं। हमने साथ में मुश्किल दिन देखे हैं।' इसके बाद स्वराज कौशलल ने मनीषा के परिवार की महान परंपराओं के बारे में बात की है। उन्होंने लिखा कि कैसे उन्हें मनीषा के परिवार के संघर्ष के दिनों के बारे में भी मालूम है।
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जब मनीषा के दादा को हुआ कैंसर
स्वराज कौशल ने लिखा, 'जिस दिन एम्स में आपके दादा बीपी कोइराला को कैंसर होने का पता चला, मैं उनके साथ ही था। मुझे याद है बीपी ने मुझस कहा था, 'ये कैंसर की एडवांस स्टेज है और मेरे पास जीने के लिए बस छह महीने बचे हैं।' उस समय में दुखी था लेकिन उनके चेहरे पर निराशा का कोई भाव नहीं था।' उन्होंने आगे लिखा, 'मैं आपके परिवार की गौरवशाली परंपरा से वाकिफ हूं। आपके दादा बीपी कोइराला और उनके दोनों भाई-यानी सभी तीनों भाई नेपाल के प्रधानमंत्री बने। आपकी बुआ शैलजा आचार्य नेपाल की उप प्रधानमंत्री थीं।'
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पिता के संघर्ष के दिनों की बात
इसके बाद स्वराज कौशल ने मनीषा के पिता के बारे में बात की। उन्होंने लिखा, 'अब मैं आपके पिता प्रकाश कोइराला के बारे में बताता हूं। वह नेपाली कांग्रेस के संघर्ष में उसके साथ थे। मैं सबके बारे में सोचता हूं- जेपी, लोहिया, चंद्रशेखर जी, जॉर्ज फर्नांडीस। साल 1973 में मैं भी कई हफ्तों के लिए नेपाल में था और महल के अंदर आंगन में पहुंच गया था। हम लोकतंत्र के लिए आपके संघर्ष में आपके साथ थे। वहां भारत या भारतीयों जैसा कुछ भी नहीं था। एक बार जब आपका राजा से समझौता हो गया, हमें कुछ नहीं चाहिए था। जब हमें एक सांसद के तौर पर आपके विचारों का पता चला, हम दुखी हुए, लेकिन तब हमने सोचा कि वो नेपाली राजनीति की अनिवार्यता थी।'
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नेपाल को खत्म करने की साजिशें
स्वराज कौशल ने आगे लिखा, 'भारतीयों को मालूम होना चाहिए कि उस समय दुनिया के एकमात्र हिंदू राष्ट्र को ख़त्म करने की साजिशें चल रही थीं। साजिश करने वाले माओवादियों से मिले हुए थे। उन्होंने एकमात्र हिंदू राष्ट्र को ख़त्म कर दिया। उनका मिशन पूरा हो चुका था। इसका नतीजा यह हुआ कि कम्युनिस्टों ने चीन को भारत के खिलाफ प्रयोग करना शुरू कर दिया। या फिर ऐसे कहें कि चीन ने कम्युनिस्टों को भारत के खिलाफ प्रयोग करना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि पारंपरिक रूप से हिमालय तक जाने वाली भारत-चीन सीमा अब बीरगंज तक है।'
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चीन को बीच में नहीं लाना चाहिए था
इसके बाद स्वराज कौशल ने मनीषा को बताया है कि क्यों उन्हें चीन को बीच में नहीं लाना चाहिए था। गर्वनर स्वराज ने लिखा, 'भारत की नेपाल से शिकायतें हो सकती हैं या नेपाल के भारत से गंभीर मसले हो सकते हैं। ये नेपाल और भारत के बीच की बात है। आप चीन को बीच में कैसे ला सकती हैं? यह हमारे लिए बुरा और ये नेपाल के लिए भी अच्छा नहीं है। जब आप चीन को बीच में लाती हैं, आप हमारे साथ हज़ारों साल पुराने रिश्ते को खत्म कर रही हैं। आप हमारी पारस्परिक विरासत को खत्म कर रही हैं। और सबसे ज़रूरी बात, एक संप्रभु देश के तौर पर आप अपने देश की स्थिति को भी नीचे गिरा रही हैं।'
मनीषा ने किया था नेपाल के नक्शे का समर्थन
नेपाल ने बुधवार को नया नक्शा जारी किया है। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा जो सभी विवादित क्षेत्र हैं, उन्हें अपनी सीमा में दिखाया है। मनीषा कोईराला ने नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली के ट्वीट के जवाब में प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया था। इसके बाद से ही उन्हें सेंसर कर दिया गया। काठमांडू में जन्मीं मनीषा, नेपाली राजनेता प्रकाश कोईराला की बेटी हैं। उनके दादा बिशेश्वर प्रसाद कोईराला 1959 से 1960 तक नेपाल के राष्ट्रपति रहे थे। मनीषा के जवाब के बाद स्वराज कौशल ने मनीषा को जवाब दिया।