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माउंट एवरेस्ट पर क्यों हो रही हैं मौतें, नेपाल सरकार ने बताई ये वजह

नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट पर होने वाली मौतों के पीछे कुछ और ही वजह बताई है।

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नई दिल्ली। उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी का असर पहाडो़ं पर भी देखने को मिल रहा है। गर्मी से राहत पाने के लिए हिल स्टेशनों पर जा रहे पर्यटकों के कारण पहाड़ों पर भारी ट्रैफिक जाम लग रहा है। कुछ ऐसे ही हालात दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भी हैं। माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की संख्या हर साल बढ़ रही है और इसके साथ ही बढ़ रहा है इस चोटी पर मौतों का आंकड़ा। इस साल अभी तक माउंट एवरेस्ट पर 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों के पीछे माउंट एवरेस्ट पर लगे पर्वतारोहियों के जाम को वजह बताया जा रहा है। हालांकि नेपाल सरकार ने इस वजह को खारिज कर दिया है। नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट पर होने वाली मौतों के पीछे कुछ और ही वजह बताई है।

'ये है पर्वतारोहियों की मौत की वजह'

'ये है पर्वतारोहियों की मौत की वजह'

माउंट एवरेस्ट पर हुई मौतों के मामले पर नेपाल सरकार ने बयान देते हुए कहा है कि पर्वतारोहियों की मौत की वजह टैफिक जाम नहीं है। नेपाल सरकार ने बताया कि माउंट एवरेस्ट पर जाने वाले पर्वतारोहियों की जो मौतें हुई हैं, उनकी वजह ज्यादा ऊंचाई पर जाने के बाद होने वाली बीमारियां, प्रतिकूल मौसम और उस मौसम से पैदा होने वाले स्वास्थ्य कारण हैं। इन मौतों का वहां जाम लगने से कोई लेना-देना नहीं है। नेपाल सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से जारी बयान में गुरुवार को कहा गया, 'हमें जानकारी मिली है कि इंटरनेशनल मीडिया माउंट एवरेस्ट पर हुई मौतों के बारे में गलत जानकारी दे रहा है। एवरेस्ट पर ट्रैफिक जाम से कोई मौत नहीं हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का पता चला है कि माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की मौत मौसम, स्वास्थ्य कारण और ऊंचाई पर जाने के बाद होने वाली बीमारियों के कारण हुई है।'

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11000 डॉलर में मिलता है एवरेस्ट का परमिट

11000 डॉलर में मिलता है एवरेस्ट का परमिट

आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट पर जाने वाले पर्वतारोहियों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है। काठमांडू वर्षों से 11,000 डॉलर देने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट दे देता है। वह इसकी पुष्टि भी नहीं करता है कि व्यक्ति पर्वतारोही है या नहीं। इस साल नेपाल ने 381 परमिट जारी किए थे। इसी सप्ताह खत्म हुए पर्वतारोहण सीजन में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि सिर्फ चार लोगों की मौत का कारण ही चढ़ाई करने वालों की बहुत ज्यादा संख्या को बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बाकी मौतों के लिए अनुभवहीनता जिम्मेदार है।

माउंट एवरेस्ट से हटाया गया 11 हजार किलो कचरा

माउंट एवरेस्ट से हटाया गया 11 हजार किलो कचरा

गौरतलब है कि पर्वतारोहियों के कारण चलते दुनिया की सबसे उंची चोटी को भारी नुकसान हो रहा है। पर्वतारोहियों की संख्या बढ़ने के कारण वहां कचरे का बड़ा ढेर इकट्ठा हो गया है। नेपाल सरकार पिछले दो महीने में शेरपाओं की मदद से एवरेस्ट पर सफाई अभियान चला रही है। इस सफाई अभियान में लगे लोगों ने अब तक 11 हजार किलो कचरा और चार शवों को वहां से हटाया है। एवरेस्ट से वापस लौटने वाले पर्वतारोही बताते हैं कि चोटी की ढलानें मानव मलमूत्र से भरी हुईं हैं। इसके अलावा वहां ऑक्सीजन की बोतलें, फटे टेंट, रस्सियां, टूटी हुईं सीढ़ी, डिब्बे और प्लास्टिक के रैपर चारों ओर बिखरें हुए हैं, जिन्हें पर्वतारोहियों वहां छोड़ आते हैं।

अभी भी जमा है एवरेस्ट पर कचरा

अभी भी जमा है एवरेस्ट पर कचरा

इस अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कुछ कचरा काठमांडू भेज दिया गया है, ताकि उसे रिसाइकल किया जा सके। अधिकारी ने कहा कि कुछ कचरा अभी भी जमा करना बाकी है। ये कचरा बर्फ से ढका है और तापमान बढ़ने के बाद ही नजर आता है। पर्यटन विभाग के महानिदेशक दांडू राज घिमिरे ने बताया कि 20 शेरपा पर्वतारोहियों की एक सफाई टीम ने अप्रैल और मई में पांच टन कूड़े को बेस कैंप के ऊपर अलग-अलग शिविरों में और नीचे के इलाकों से छह टन एकत्र किया। कुछ कचरा खराब मौसम के चलते नीचे नहीं लाया जा सका, लेकिन उसे बैग में इकट्ठा किया गया था। अधिकतर कचरा कैंप दो और तीन में है। ये वही कैंप हैं जो बेस कैंप और चोटी के बीच में पड़ते हैं और पर्वतारोही यहीं आराम करते हैं।

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English summary
Nepal Govt Statement About Why Deaths Are Happening On Mount Everest.
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