भूंकप में नहीं हिला नेपाल का स्वाभिमान, ठुकरा दिए प्लेट के जूठन और पुराने कपड़े
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। भूंकप से तबाह हो चुके नेपाल ने भारत से अपील की है कि राहत सामग्री के नाम पर प्लेट में बचे भोजन और पुराने कपड़े ना भेजे जाएं। नेपाल ने कहा है कि ऐसी सामग्री की उन्हें कोई जरुरत नहीं है। भूकंप वैसे तो कई मजबूत निर्माणों को हिला देती है मगर नेपाल का स्वाभिमान व आत्मविश्वास नहीं हिला है। नेपाल ने जिस तरह से पुराने कपड़े और जूठन लेने से इंकार किया है उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि नेपाल का आत्मविश्वास और स्वाभिमान अब लौट रहा है।
आपको बताते चलें कि 25 अप्रैल को नेपाल में आए 7.9 रिएक्टर की तीव्रता के भूकंप में तकरीबन 7000 लोगों की मौत हो चुकी है और काफी लोग बेघर हो चुके हैं। नेपाल में आए इस भयावह त्रासदी के बाद भारत ने सबसे पहले मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था। भारत सरकार के अलावा कई एनजीओ और कारपोरेट सेक्टरों ने भी नेपाल के करीब 9 करोड़ लोगों की मदद की।
मगर राहत सामग्री के विरोध का मामला उस वक्त सामने आया जब राहत सामग्री से भरी ट्रेन बिहार में भारत के बॉर्डर के पास बीरगंज पहुंची। नेपाल के अधिकारियों की मानें तो उन्हें राहत सामग्री में आपत्तिजनक सामान मिले। राहत सामान को रेलवे पोर्ट पर ही खोला गया जिसमें से पुराने कपड़े निकाल दिए गए और सामान को ट्रक में भरकर नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिया गया।