नेताजी के भतीजों की जासूसी करवाते थे नेहरु
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु करीब लंबे समय तक नेता सुभाष चंद्र बोस के करीबी संबंधियों की जासूसी करवाते थे। यह सनसनीकेज जानकारी मिली है इंटेलिजेंस ब्यूरो की तरफ से हाल ही में डीक्लैसफाइ (गुप्त सूची से हटाना) से हटाई गई फाइल से।
मधुर संबंध नहीं
भारत के स्वाधीनता के इतिहास के विद्यार्थियों को मालूम है कि पंडित नेहरु और नेता जी के बीच कोई बहुत मधुर संबंध तो नहीं थे। पर पंडित नेहरु इस तरह की हरकत करेंगे, यह भी किसी ने नहीं सोचा था।
जारी रही जासूसी
इन फाइलों का संबंध 1948 से लेकर 1968 तक है। इन 20 में से 16 16 सालों तक वे प्रधानमंत्री रहे। यानी कि शास्त्री जी और इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में भी जारी रही जासूसी।
सूत्रों ने बताया कि नेहरु जी कोलकाता के 1 बुडबर्न पार्क और 38 एल्गिन रोड में रहने वाले संबंधियों की जासूसी करवाते थे। जासूसी में शामिल होता था कि गुप्तचर एजेंसियां नजर ऱखें कि नेता जी के संबंधी क्या कर रहे हैं, कहा जा रहे हैं,किससे मिल रहे हैं आदि।
इन दोनों घरों में नेता जी के दो भतीजे शिशिर बोस और अमिया बोस रहते थे। बता दें कि एल्गिन रोड वाला घर तो अब नेता जी के संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया गया है।
असुरक्षित क्यों थे
वरिष्ठ लेखक डी.पी. सिंह कहते हैं कि ये बात समझ से परे है कि आखिर नेहरु जी को नेताजी के रिश्तेदारों की जासूसी करवाने की जरूरत किसलिए पड़ी। नेता जी तो रहे नहीं थे। इन हालातों में नेहरु जी तो देश के शिखर नेता थे ही। वे आखिर किसलिए इतने असुरक्षित थे।