पाकिस्तानी मूल की भारतीय बहू बनी राजस्थान में सरपंच, 5 महीने पहले ही मिली थी नागरिकता
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच राजस्थान के एक गांव में पाकिस्तानी आप्रवासी महिला ने सरपंच का चुनाव जीत लिया है। बता दें कि राजस्थान पंचायत चुनाव 2020 के मतदान संपन्न होने के बाद शुक्रवार को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हुआ। प्रत्याशियों में टोंक जिले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत की सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। वजह यह है कि इस सीट से जीतने वाली प्रत्याशी पांच महीने पहले तक पाकिस्तान की नागरिक थीं।
सिर्फ 362 वोटों के अंतर से मिली जीत
गौरतलब है कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव 2020 संपन्न होने के बाद रिजल्ट आ चुका है। इस बार के पंचायच चुनाव में टोंक जिले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत की सीट सुर्खियों में रही। इस सीट पर पाकिस्तान में जन्मी 36 वर्षीय नीता कंवर ने जीत हासिल की है उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी सोनू देवी को सिर्फ 362 वोटों से मात दी। नीता कंवर को 2494 वोटों में से कुल 1073 वोट मिले।
कौन हैं नीता कंवर?
नीता कंवर का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह आठ साल पहले भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने आई थीं। नीता नटवाड़ा ग्राम पंचायत के पूर्व ठिकानेदार और तीन बार सरपंच रह चुके लक्ष्मण करण की बहू। आठ साल पहले नीता सोडा की शादी लक्ष्मण करण के बेटे पुण्य प्रताप करण के साथ हुई थी। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद पांच माह पहले सितंबर 2019 में भारत की नागरिकता हासिल हुई है।
ससुर से मिली राजनीति की प्रेरणा
सरपंच चुनाव 2020 में नटवाड़ा ग्राम पंचायत सरपंच की सीट महिला के लिए आरक्षित होने के बाद नीता कंवर ने भी चुनाव में भाग्य आजमाने का फैसला लिया। नीता कंवर के ससुराल वाले नटवाड़ा गढ़ के आलिशान महल में रहता है। चुनाव 2020 में मैदान में उतरने के कारण नीता कंवर ने गांव के घर-घर जाकर वोट मांगती नजर आईं थी। नीता बताती हैं कि उन्हें राजनीति में आने की प्रेरणा ससुर लक्ष्मण करण से मिली। वहीं ग्रामीणों का स्नेह भी उन्हें सरपंच बनकर गांव का विकास करवाने के लिए प्रेरित किया है।
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