NEET: सोनिया गांधी ने राज्यों में OBC के लिए आरक्षण मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, जानिए, क्या है मामला?
नई दिल्ली। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के माध्यम से भरे जा रहे अखिल भारतीय कोटा के तहत ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण निषेध मामले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। दरअसल, केंद्र सरकार के संस्थानों के अलावा राज्य की मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी नीति को लागू नहीं है।
Congress President Sonia Gandhi's has written to Prime Minister Narendra Modi over "denial of reservation for OBC candidates under All-India Quota being filled through National Eligibility cum Entrance Test (NEET), in State/UT Medical education institutions." pic.twitter.com/nnk4ejVxYV
— ANI (@ANI) July 3, 2020
पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया गया है कि अखिल भारतीय कोटा के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में भी ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षण के दायरे को बढ़ाया जाए। पत्र में कहा गया है कि राज्य चिकित्सा संस्थानों में ऑल इंडिया कोटा में आरक्षण का निषेध भारत सरकार द्वारा प्रशासित 93वें संशोधन के उद्देश्य का उल्लंघन करता है और इससे योग्य ओबीसी उम्मीदवारों तक मेडिकल शिक्षा पहुंचने में बाधा हो रही है।
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गौरतलब है इस संबंध में हाल ही में तमिलनाडु की सत्तारूढ़ AIADMK के अलावा DMK और CPI समेत कई अन्य पार्टियों ने NEET के तहत मेडिकल कॉलेज में सीटों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका दायर करते हुए राज्य के स्नातक, स्नातकोत्तर चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी कोटे के तहत 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी।
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मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में मेडिकल सीटों पर ओबीसी आरक्षण नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की छूट दे दी। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एस रविंद्र भट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में किसका मौलिक अधिकार छीना गया है?
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हालांकि आरक्षण की मांग करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी दल डीएमके की ओर से कोर्ट में कहा गया कि हम कोर्ट से ज्यादा आरक्षण जोड़ने को नहीं कह रहे हैं, बल्कि जो है उसे लागू करवाने को कह रहे हैं। याचिकाओं में कहा गया था कि केंद्र सरकार के संस्थानों को छोड़कर अन्य सभी ओबीसी उम्मीदवारों को ऑल इंडिया कोटा के तहत दी गई सीटों से बाहर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिलना चाहिए और आरक्षण दिए जाने तक नीट के तहत काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए।
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