बिना पासपोर्ट 16 साल से UAE में फंसा भारतीय शख्स लौटा देश, 29 लाख हो गया था जुर्माना
नई दिल्ली। बिना पासपोर्ट के 16 साल से खाड़ी देश UAE में फंसा एक भारतीय शख्स आखिरकार मंगलवार को अपने परिवार से मिल गया। तेलंगाना के रहने वाले नीला येल्लैया 2004 में यूएई गए थे जहां वे तब से फंसे हुए थे। नीला येल्लैया पर 1.46 लाख दिरहम (29 लाख रुपये) जुर्माना लगाया था जिसे यूएई प्रशासन ने कोविड-19 महामारी के दौरान जारी की गई एमनेस्टी स्कीम के तहत माफ कर दिया था।
जो बेटी छोटी थी अब हो चुकी है शादी
यैल्लैया तेलंगाना में कामरेड्डी जिले के चिंतामनपल्ली गांव के रहने वाले हैं। देश के लाखों उन लोगों की तरह जो बेहतर काम की तलाश में खाड़ी देशों में गए हुए हैं येल्लैया भी 2004 में यूएई गए। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूर बनकर गए यैल्लैया ने तो यही सोचा रहा होगा कि जल्दी पैसे कमाएंगे और भारत में रह रहे अपने परिवार की हालत सुधारेंगे लेकिन हालात को कुछ और मंजूर था। उन्हें क्या पता था कि वे अपने परिवार से लंबे समय तक दूर होने वाले हैं। नीला येल्लैया जब दुबई गए थे जो उनकी बेटी बहुत छोटी थी। अब उसकी शादी हो चुकी है और उसका भी छोटा बच्चा है।
अस्थायी पासपोर्ट मिलने में आ रही थी समस्या
यैल्लैया ने बीते 16 साल यूएई के दुबई और शारजाह शहरों में गुजारे। इस दौरान उनके सामने कई बार पैसों और स्वास्थ्य को लेकर समस्या आई। जैन सेवा मिशन नामक सामाजिक संगठन में काम करने वाले रूपेश मेहता को जब उनके बारे में पता चला तो मेहता ने येल्लैया को उनके परिवार से मिलाने की ठानी। इसके लिए जरूरी था कि उन्हें भारतीय कांसुलेट से अस्थायी पासपोर्ट दिलाया जाय जिसके लिए मेहता ने वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया लेकिन इसमें भी मुश्किल थी। पुराना पासपोर्ट न होने की वजह से येल्लैया के बारे में यूएई में प्रवेश के दौरान की जानकारी नहीं मिल पा रही थी जो कि अस्थायी पासपोर्ट जारी किए जाने के लिए जरूरी थी।
पत्नी ने हैदराबाद पासपोर्ट ऑफिस पर दी अर्जी
इसके लिए यैल्लैया की पत्नी ने हैदराबाद पासपोर्ट ऑफिस में 2004 के डेटाबेस से जानकारी देने की लिए अर्जी दी। हैदराबाद पासपोर्ट ऑफिस से जानकारी मिलने के बाद इसे दुबई स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास को दिया गया तब जाकर अस्थायी पासपोर्ट जारी किया गया।
इसके बाद भी येल्लैया की मुश्किल खत्म नहीं हुई थी। अभी उनको भारत पहुंचने के लिए यूएई सरकार को 1 लाख 46 हजार दिरहम, यानि 29 लाख भारतीय रुपये, जुर्माने के रूप में अदा करने थे।
दुबई प्रशासन ने माफ किया जुर्माना
दरअसल यूएई सरकार के आप्रवासन कानून के मुताबिक अगर कोई भी शख्स वीजा अवधि पूरी करने के बाद अवैध रूप से यूएई में प्रवास करता है तो उसे प्रतिदिन 25 दिरहम (500 भारतीय रुपये) जुर्माना अदा करना होगा। पिछले 16 सालों में ये रकम बढ़कर 1.46 लाख दिरहम यानि 29 लाख भारतीय रुपये के बराबर हो गई थी। येल्लैया को ये रकम अदा करनी थी। इसे लेकर रूपेश मेहता और भारतीय कांसुलेट के प्रयासों से यूएई प्रशासन ने जुर्माने की ये रकम माफ कर दी और यूएई से बाहर जाने के लिए एग्जिट परमिट जारी कर दिया।
भारतीय कांसुलेट ने दिया फ्री एयर टिकट
भारतीय कांसुलेट ने येल्लैया के लिए फ्री एयर टिकट की भी व्यवस्था कर दी। आखिरकार सोमवार की रात को 48 वर्षीय नीला येल्लैया एयर एंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट से दुबई से हैदराबाद पहुंचे जहां उनका राज्य सरकार के अधिकारियों ने स्वागत किया। परिवार के अनुरोध पर अधिकारियों ने उन्हें राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक होम क्वारंटीन में रहने की अनुमति दी है। जिसके बाद मंगलवार को येल्लैया अपनी पत्नी के साथ अपने गांव चिंतामनपल्ली पहुंचे। फिलहाल नीला येल्लैया अपने परिवार के साथ हैं।
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