दिल्ली में 100 साल से ज्यादा उम्र के हैं करीब 150 वोटर, मतदान के लिए होगा VVIP इंतजाम
नई
दिल्ली-
मंगलवार
को
दिल्ली
में
चुनाव
अधिकारियों
ने
राजधानी
में
सौ
साल
से
ज्यादा
उम्र
के
करीब
150
मतदाताओं
की
पहचान
की
है।
अब
इन
सबके
घर
जाकर
चुनाव
कर्मचारी
उनकी
पूरी
जानकारी
जुटा
रहे
हैं।
इस
काम
में
चुनाव
कर्मचारियों
को
भारत
स्काउट
एंड
गाइड्स
के
लोगों
की
भी
मदद
मिल
रही
है।
दिल्ली
के
मुख्य
निर्वाचन
अधिकारी
रणबीर
सिंह
ने
कहा
है
कि
ऐसे
सभी
बुजुर्ग
वोटों
के
लिए
चुनाव
आयोग
उनके
घर
से
लेकर
मतदान
करवाने
और
फिर
घर
तक
पहुंचाने
के
लिए
वीवीआईपी
जैसा
इंतजाम
करवाएगा,
ताकि
उन्हें
स्पेशल
महसूस
कराया
जा
सके।
लोकसभा
चुनाव
में
आयोग
की
यह
मुहिम
काफी
कारगर
साबित
हुई
थी
और
सिर्फ
6-7
महीनों
में
ही
ऐसे
वोटरों
की
संख्या
लगभग
दोगुना
हो
चुकी
है।
करीब 150 वोटरों की उम्र 100 वर्ष से ज्यादा
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में करीब 150 से ज्यादा सौ साल या उससे भी अधिक उम्र के वोटरों की पहचान की गई और उनकी छानबीन की प्रक्रिया पूरी होते हुए उनकी असल संख्या अपडेट कर दी जाएगी। इसके लिए चुनाव आयोग के अधिकारी उनके घर जाकर उनके बारे में तसल्ली करने की कोशिशों में जुटे हैं कि क्या अभी भी वे जीवित हैं या चुनाव के दिन दिल्ली में ही मौजूद रहेंगे। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि, 'एक वरिष्ठ अधिकारी सौ वर्ष से ज्यादा उम्र के इन सभी मतदाताओं के घर जाएंगे और उन्हें अपने साथ विधानसभा क्षेत्र के नजदीकी पोलिंग बूथ तक लेकर आएंगे। वे उन्हें वोट डालने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे, यदि वे बिस्तर से उठने लायक होंगे और उनकी सेहत इसकी इजाजत देगी।" उन्होंने कहा कि 'अगर ऐसे वोटर परिवार वालों की इच्छा के बगैर भी वोट डालना चाहेंगे तो हम उनके मतदान के लिए हर संभव इंतजाम करेंगे। उन्हें वोट डालने में भी प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि उन्हें लाइन में न लगना पड़े।' इन सम्मानित बुजुर्ग वोटरों की जानकारी जुटाने में चुनाव कर्मचारियों की भारत स्काउट एंड गाइड के लोग भी मदद कर रहे हैं।
वीवीआईपी की तरह किया जाएगा व्यवहार
सीईओ रणबीर सिंह ने बताया कि ऐसे बुजुर्ग वोटरों को वह हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी जो उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में उपलब्ध कराई गई थी। मसलन, पोलिंग स्टेशन पर उनका फूलों के गुलदस्तों से स्वागत किया जाएगा और मतदान कर्मचारी उनके साथ सेल्फी खिंचवाएंगे। सिंह ने कहा कि '100 साल या उससे अधिक उम्र के दिल्ली के वोटरों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। उन्हें वीवीआईपी जैसा महसूस कराया जाएगा।' मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 'हमारे कर्मचारी 100 वर्ष से ज्यादा के ऐसे हर वोटरों के पास जाएंगे और मतदान के दिन उन्हें पोलिंग स्टेशन तक के लिए पिक-एंड-ड्रॉप की सुविधा भी दी जाएगी।' बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में 111साल के बच्चन सिंह (दूसरी तस्वीर) दिल्ली के सबसे बुजुर्ग वोटर थे, लेकिन तिलक नगर निवासी सिंह की पिछले दिसंबर में ही निधन हो चुकी है। जबकि, पूर्वी दिल्ली की कोंडली इलाके में रहने वाली और उम्र से जुड़ी कई तरह की परेशानियों से जूझ रहीं 110 साल की राम प्यारी शंकवार 2019 के लोकसभा चुनाव में राजधानी की सबसे उम्रदराज महिला वोटर थीं।
लोकसभा चुनाव से बढ़ गई बुजुर्ग वोटरों की संख्या
बता दें कि 2019 के आम चुनाव में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर ने दिल्ली में 100 साल से ज्यादा के 96 वोटरों की पहचान की थी, जिसमें महिलाओं की तादाद पुरुषों से कहीं ज्यादा थी। उस चुनाव में दिल्ली में 42 पुरुष और 54 महिला वोटर 100 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के थे। तब दिल्ली के सीईओ रणबीर सिंह ने कहा था, 'पिछले चार महीनों से हम 100 वर्ष या उससे भी उम्रदराज वोटरों की पहचान करने में लगे हुए हैं। आजादी से पहले जन्मे और 1952 से हर आम चुनाव देखने वाले ऐसे बुजुर्ग वोटरों को जोड़ने की ये पहली कोशिश है। हमारे लिए वो वीवीआईपी वोटर हैं और उनके साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाएगा।' दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव है, इसलिए चुनाव आयोग के अधिकारी बुजुर्ग वोटरों को बूथ तक लाने की अपनी पहल को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।
इसे भी पढ़ें- क्या भाजपा के आक्रामक राष्ट्रवाद ने AAP को किया राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाने को मजबूर?