बिहार: एनडीए में सीट बंटवारा तो हुआ पर अब भी फंसा है एक पेंच
पटना। महीनों तक चली खट-पट के बाद आखिरकार बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा हो ही गया। रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार, राम विलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान के अलावा धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे। घोषणा के मुताबिक, अगले आम चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और जेडीयू बराबर 17-17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगी, जबकि राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 6 सीटों पर लड़ेगी। यहां तक का ऐलान एकदम ठीक है, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर चली इतनी लंबी प्रक्रिया के बाद अमित शाह एक बात ऐसी कह गए, जिससे स्पष्ट है कि पेंच अब भी फंसा हुआ है।
बिहार में नीतीश को एनडीए का चेहरा मानने पर अमित शाह ने कही अहम बात
रविवार को जब अमित शाह ने सीट बंटवारे का ऐलान किया तब उन्होंने दो और अहम बातें कहीं। पहली- बिहार में तीनों पार्टियां साझा चुनाव कैंपेन चलाएंगी और दूसरी- आने वाले दिनों में किस सीट पर कौन सी पार्टी लड़ेगी यह चर्चा के बाद तय कर लिया जाएगा। पहली बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जेडीयू लगातार यह दबाव डाल रही थी कि बिहार में नीतीश कुमार को एनडीए के चेहरे के तौर पर स्वीकार किया जाए। अब अमित शाह का यह कहना है कि 'तीनों की दल साझा कैंपेन चलाएंगे' बताता है कि नीतीश कुमार एकमात्र चेहरा नहीं होंगे, स्टार प्रचारक पीएम नरेंद्र मोदी ही रहेंगे। ऐसा इसलिए भी किया गया है कि, क्योंकि बराबर सीटों पर लड़ने की जेडीयू की मांग को बीजेपी ने स्वीकार कर लिया तो दूसरी मांग पर नीतीश कुमार को झुकना ही पड़ेगा। मतलब अब इस मामले में पूरी तरह स्थिति स्पष्ट हो गई है, लेकिन सबसे बड़ा पेंच जो अभी बाकी वह है किस सीट पर कौन लड़ेगा। हालांकि, यह बड़ा सामान्य बात है, क्योंकि चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन एनडीए के मामले में बात गंभीर इसलिए हो रही है, क्योंकि पिछले चार महीने से इस बात पर चर्चा हो रही है, लेकिन हल अब तक नहीं निकला है।
सितंबर से अब तक फाइनल नहीं हो सके सीटों के नाम
एनडीए में 'किस सीट पर कौन लड़ेगा' इसे लेकर सितंबर 2018 में एक बड़ी खबर आई थी। उस वक्त सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बीजेपी, जेडीयू और लोजपा के बीच सीट बंटवारा हो गया है और अमित शाह ने जेडीयू व लोजपा से यह तय करने को कहा है कि वे मिलकर फाइनल कर लें कि कौन किस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगा। अब गौर करने वाली बात यह है कि 23 दिसंबर 2018 को जब अमित शाह ने बंटवारे पर सहमति का ऐलान किया तब भी यह तय नहीं हो सका कि कौन किस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगा। अमित शाह ने रविवार को कहा कि यह चर्चा के बाद तय कर लेंगे कि कौन किस सीट पर लड़ेगा।
इन चार सीटों पर चल रही थी लोजपा और जेडीयू के बीच बातचीत
सितंबर 2018 में जब सीट फाइनल करने के बारे में चर्चा हुई थी तब लोजपा और जेडीयू के बीच नालंदा, मुंगेर, वैशाली और खगडि़या लोकसभा सीट पर बात हो रही थी। लोजपा नालंदा, मुंगेर, वैशाली और खगडि़या लोकसभा सीटें जदयू को देने को तैयार हो सकती है। बदले में नीतीश कुमार उन्हें कौन सी चार सीटें देंगे, यह सवाल उस वक्त भी बना हुआ था और आज भी बना हुआ है.