एनसीआरबी का डाटा: क्राइम के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर, मेट्रो शहरों में दिल्ली में अपराध सबसे ज्यादा
एनसीआरबी का डाटा: क्राइम के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर, मेट्रो शहरों में दिल्ली में अपराध सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने देश में अपराध को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे सर्वाधिक मामले 2016 में उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं। वहीं दलितों के खिलाफ अपराध के मामले उन राज्यों में ज्यादा दर्ज किए गए हैं, जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों से देश में महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले 12.4 फीसदी बढ़े हैं। 2015 में बलात्कार के 34,651 मामले दर्ज हुए थे, जिसकी तुलना में 2016 में 38,947 मामले दर्ज हुए। इनमें मध्य प्रदेश में बलात्कार के सबसे ज्यादा 4,882 मामले सामने आए, वहीं उत्तर प्रदेश में बलात्कार के मामलों की संख्या 4,816 रही।
उत्तर प्रदेश नंबर वन
आंकड़ों के मुताबिक हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे सर्वाधिक मामले वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हत्या की घटनाएं सबसे ज्यादा हुईं। यहां हत्या की 4,889 घटनाएं हुईं, जो ऐसे कुल मामलों का 16.1 फीसदी है। वहीं मेट्रो शहरों में दिल्ली के हालात सबसे खराब हैं। दिल्ली 38.8 फीसदी क्राइम रेट के साथ पहले नंबर पर, दूसरे पर 8.9 फीसदी के साथ दूसरे और 7.7 फीसदी के साथ मुंबई तीसरे नंबर पर है।
उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश का नंबर
क्राइम दर के हिसाब से उत्तर प्रदेश के बाद नंबर मध्यप्रदेश का है। प्रति लाख के आंकड़ों के अनुसार 2014 मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध के 3294 मामले दर्ज हुए, जो 2015 में 3546 और 2016 में 4922 तक पहुंचे। मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां अपराध में 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2016 में हुए पूरे देश में कुल अपराधों में से 14 फीसदी अपराध बिहार में ही हुए हैं।
दलितों के खिलाफ बढ़ा क्राइम
राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, 2016 में दलितों के खिलाफ क्राइम बढ़े। खासतौर से भाजपा शासित राज्यों में इसमें ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2015 के मुकाबले अपराध में 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2015 के 38670 के मुकाबले 40,801 मामले दर्ज हुए। 2016 में मध्यप्रदेश में दलितों के खिलाफ 43.4 फीसदी संज्ञेय अपराध हुए हैं, जबकि राजस्थान में ये आंकड़ा 42 फीसदी है। गोवा में 36.7 फीसदी, 34.4 फीसदी बिहार में और 32.5 फीसदी गुजरात में।
32,71,262 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
आंकड़ो के मुताबिक 2016 में अलग-अलग अपराधों में पूरे देश में 37,37,870 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 32,71,262 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई। 2016 में लगभग आठ लाख लोग अलग-अलग अपराधों में दोषी ठहराए गए, जबकि लगभग 11.5 लाख लोगों को बरी कर दिया गया।
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