निर्भया कांड के बाद रेप की रोजाना 95 वारदात, राजस्थान-UP-MP के आंकड़ें चौंकाने वाले-NCRB
नई दिल्ली- 2012 के दिसंबर में दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद भी देश में रेप के मामलों में कमी नहीं आ पाई है, बल्कि इसमें बहुत ज्यादा इजाफा ही देखा जा रहा है। बीते सात साल में इस अपराध के आंकड़ें बहुत ही चौंकाने वाले हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास जो 2013 से लेकर 2019 तक के आंकड़े हैं, उसके मुताबिक इन 7 वर्षों में देश में बलात्कार की करीब 2.42 लाख मामले सामने हैं। अगर इन आंकड़ों को रोजाना के औसत से देखें तो इन वर्षों में देश में हर दिन लगभग 95 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और हर घंटे 4 महिलाएं इस जघन्य अपराध की शिकार हुई। इस रिपोर्ट में हम आपको 2019 में रेप की वारदातों से संबंधित कुछ बेहद सनसनीखेज आंकड़े दिखा रहे हैं।

2019 में हर दिन 88 महिलाएं हुईं रेप की शिकार
यूपी की हाथरस की घटना पर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। समाज के दुश्मनों ने एक युवती के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर 2012 की निर्भया कांड की यादें ताजा करा दी हैं। तथ्य बतातें हैं कि हाथरस की निर्भया बीते दो महीनों में बलात्कार और हत्या की शिकार होने वाली यूपी की पांचवीं लड़की और तीसरी दलित लड़की थी। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में रेप के कुल 32,033 मामले दर्ज किए गए। इस हिसाब से बीते साल रोजाना देश में 88 महिलाओं के साथ रेप हुआ। यही नहीं एनसीआरबी की 'Crimes in India -2019' रिपोर्ट पर नजर डालें तो रेप की इन वारदातों का शिकार होने वाली 11 फीसदी महिलाएं दलित समुदाय से हैं।

पिछले साल राजस्थान में रेप की करीब 6,000 वारदात
अगर एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट को जरा और विस्तार से देखें तो भारत में पिछले साल जितनी भी रेप की घटनाएं हुईं, उनमें से करीब 3,500 दलित महिलाएं थीं। इस लिहाजा से 2019 में देश में रोजाना 10 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार हुए। इन आंकड़ों में से भी दलित महिलाओं के साथ बलात्कार की करीब एक-तिहाई वारदात राजस्थान (554) और उत्तर प्रदेश (523) में दर्ज की गई। लेकिन, अगर 2019 में हुई रेप की कुल वारदातों की बात करें तो राजस्थान में यह सबसे ज्यादा देखने को मिलीं। पिछले साल राजस्थान में करीब 6,000 बलात्कार की घटनाएं सामने आईं, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 3,065 दर्ज की गई। यहां एक बात का जिक्र करना जरूरी है कि देश में पिछले साल रेप की हुई करीब 32,000 वारदातों में से लगभग आधी सिर्फ राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल जैसे पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए हैं।

कानून सख्त होने के बाद भी नहीं रुक रही ऐसी वारदात
अगर एनसीआरबी के 2010 से लेकर 2019 तक के रेप से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो लड़कियों या महिलाओं के साथ होने वाली इस वारदात में करीब 31 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। इन 10 वर्षों में देश में रेप की कुल 3,13,289 घटनाएं सामने आईं। इनमें सबसे ज्यादा मामले साल 2016 में दर्ज किए गए थे। गौरतलब है कि 2012 के निर्भया कांड के बाद इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए आपराधिक कानूनों में भी बदलाव किए गए और इन घटनाओं के दोषियों के लिए ज्यादा सख्त सजाओं की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन लगता नहीं है कि अपराधियों के मन में ये कानून जरा भी खौफ पैदा कर पाए हैं।