ठाकरे सरकार में अजित डिप्टी सीएम बनेंगे या नहीं?, शरद पवार ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले गठबंधन में अपने भतीजे अजीत पवार को लेकर किए गए कई सवालों के खुलकर जवाब दिए। पवार ने कहा कि बीजेपी की जगह शिवसेना के साथ गठबंधन क्यों किया इसका भी जवाब दिया। वहीं उन्होंने माना कि पार्टी पर भतीजे अजित पवार की पकड़ मजबूत है लेकिन क्या वह डिप्टी सीएम बनेंगे, इसका जवाब देने से इनकार कर दिया। शरद पवार ने इंटरव्यू में इस बात को भी स्वीकार किया है कि, उन्हें पता था कि, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन उन्हें इस बात का ऐहसास नहीं था कि वे कुछ ऐसा कदम उठाएंगे।
क्या ठाकरे सरकार में उपमुख्यमंत्री बनेंगे अजित पवार?
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में शरद पवार ने अजित पवार को भविष्य में सरकार में शामिल किए जाने के सवाल पर कहा कि, मैं यह नहीं कह सकता (कि वह उपमुख्यमंत्री होंगे या नहीं)। इसके लिए सहयोगियों के साथ चर्चा करनी होगी, लेकिन बड़ी संख्या में पार्टी के सदस्यों का उनके प्रति पूरा सम्मान है, भले ही वे भाजपा में जाने से नाखुश रहे हों। यह देखते हुए भी कि अजित पवार पार्टी के लिए एक 'संकट' खड़ा कर सकते हैं, शरद पवार ने कहा कि उनके पार्टी से जाने का सवाल ही नहीं उठता है।
'जानता था अजित पवार- देवेंद्र फडणवीस में बात चल रही है'
शरद पवार ने कहा कि, उन्हें पता था कि उनके भतीजे अजित पवार भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात का ऐहसास नहीं था कि वे कुछ ऐसा कदम उठाएंगे। शरद पवार ने कहा कि जब वह 23 नवंबर को सुबह 6:30 बजे अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेते हुए देख रहे थे, तो हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि 'यह कहना बिल्कुल गलत है कि मेरी जानकारी के बिना ऐसा नहीं होता।
'पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के पद की पेशकश नहीं की'
शरद पवार ने कहा कि, मुझे नहीं पता अजित पवार ने ऐसा कदम क्यों उठाया था? उन्होंने कहा कि एनसीपी नेताओं की कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक चल रही थी और उस दौरान दोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस हुई थी। अजित इस गरमागरम बहस से नाखुश थे। उन्होंने मेरे सहयोगी को कहा कि मैं नहीं समझ पा रहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन कैसे काम करेगा? इसके बाद वह बैठक को बीच में ही छोड़कर निकल गए थे। शरद पवार ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रहित में एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन करने की बात की थी। लेकिन पीएम मोदी ने न तो मुझे भारत के राष्ट्रपति के पद की पेशकश की और न ही मेरी बेटी सुप्रिया सुले के लिए कैबिनेट पद की पेशकश की, हालांकि उन्होंने मुझसे यह कहा था कि वह अच्छा काम कर रही हैं।
पंकजा मुंडे बोलीं- अपने ऊपर लगे आरोपों से दुखी, अब 12 दिसंबर को बोलूंगी