CAA-NRC: महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाद ने दिया विवादित बयान, बोले- जब तेरा बाप...
मुंबई। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि इतने साल देश में रहने के बाद लोगों से अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जा रहा है, जोकि गलत है। इसी मुद्दे पर अब महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री जितेंद्र आव्हाद ने विवादित बयान दिया है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए जितेंद्र आव्हाद ने कहा, 'मैं दिल्ली के तख्त से पूछता हूं, अब तू मांगेगा मुझसे सबूत मेरे देशवासी होने का ? तो सुन.. जब तेरा बाप सिर झुकाकर अंग्रेजों के तलवे चाट रहा था, तब मेरा बाप फांसी के तख्त को चूमते हुए इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहा था।' बता दें कि एनसीपी पहले ही नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है।
CAA पर नेताजी के पड़पोते ने अपनी ही पार्टी को दिया सुझाव, कहा- लोकतांत्रिक देश में आप नागरिकों पर...
वहीं, दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली के शाहीन बाग में सैकड़ों महिलाएं एक महीने से धरने पर बैठी हैं और वे नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की सरकार से मांग कर रही हैं। वहीं, शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ और पटना में भी प्रदर्शन जोर पकड़ने लगा है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस कानून का विरोध कर कर रहे हैं।
#WATCH Jitendra Awhad,NCP in Thane:Main Delhi ke takht se poochta hoon,ab tu maangega mujhse saboot mere deshvasi hone ka?Toh sun,jab tera baap sar jhukakar angrezon ke talwe chaat raha tha,tab mera baap phansi ke takht ko choomke inquilab zindabad ke naare laga raha tha.(18.01) pic.twitter.com/WOwKP167xQ
— ANI (@ANI) January 20, 2020
इन दलों का कहना है कि एनआरसी आने पर एक विशेष समुदाय की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि, सरकार का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी, इस कानून का देश के किसी नागरिक से लेना-देना नहीं है। जबकि सरकार ने एनआरसी पर कहा है कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। फिलहाल, सीएए का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर जा पहुंचा है।