महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना को सता रहा भाजपा के ऑपरेशन लोटस का डर
महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना को भाजपा के ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है।
बेंगलुरु। एनसीपी विधायकों के समर्थन से अजित पवार ने बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में बनवा दी। जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह सीएम पद की शपथ ली और अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए। सदन में बहुमत साबित करने करने की जिम्मेदारी तो भाजपा की है लेकिन विरोधी पार्टियां अधिक भयभीत नजर आ रही हैं। विपक्षी पार्टियों का यह भय भाजपा के ऑपरेशन लोटस को लेकर हैं। अजीत पवार की बगावत के बाद एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना अपने विधायकों को लेकर असुरक्षित महसूस कर रही है। शरद पवार के परिवार सदस्य अजीत पवार के भाजपा में मिल जाने के बाद कोई दल अपने किसी सदस्य पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें महाराष्ट्र में शरद पवार कई दिनों से एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की सरकार बनवाने में जुटे थे, लेकिन ऐन मौके पर उनके भतीजे अजित पवार ने पासा पलट दिया। भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तीनों दलों ने अपने विधायकों को शहर के अलग-अलग होटलों में भेज दिया है। पार्टी के विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए एनसपी, कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों को मुंबई के लक्जरी होटलों में ठहराया है। विपक्षी पार्टियों ने सुरक्षा बहुत सख्त रखी है।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को जूहू इलाके के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में रखा है, जबकि राकांपा ने अपने विधायकों को पवई में दि रिनेसां होटल में रखा है। इसके अलावा शिवसेना के विधायक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के नजदीक ललित होटल में रुके हुए हैं। विधायकों की सुरक्षा के लिए रिजर्व पुलिस बल के जवानों को भी ललित होटल के बाहर तैनात किया गया है। जे डब्ल्यू मैरियट के बाहर भी सुरक्षा बढ़ाई गयी है। मुंबई के पांचसितारा होटल भी अब इन्हें सुरक्षित नहीं लग रहे हैं। पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व उनसे सीधे संपर्क में है ताकि कोई भी विधायक पाला न बदले।
मजे की बात ये है कि शिवसेना अपने विधायकों के साथ एनसीपी के विधायकों पर भी कड़ी नजर रखे हुए हैं। जिस होटल में एनसीनी विधायक रुके वहां शिवसेना के नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने रातभर एनसीपी विधायकों पर नजर रखी। खबरों के अनुसार शिवसेना यूनियन के एक सदस्य ने फोन करके शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को बताया कि भाजपा के एक विधायक प्रसाद लाड के साथ कुछ राकांपा के कुछ विधायक रुके हुए हैं। शिवसेना ने यह खबर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को दी। जिसके बाद पवार ने बाद शरद पवार ने अपने तीन आदमी भिजवा कर कमरे खुलवाकर अपने दोनों विधायकों को अपने पास बुला लिया।
चह्वाण का आरोप भाजपा विधायकों से संपर्क साध रही
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण और एनसीपी यह मान कर चल रही हैं कि भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। चह्वाण ने ये भी आरोप लगाया है कि भाजपा ने विधायकों से संपर्क साधने के लिए सभी होटलों में पहले से ही कमरे बुक करवा रखे हैं।
उन्होनें यह भी आरोप लगाया है कि जिन होटलों में तीनों पार्टियों के विधायक रुके हुए वहां भाजपा के नेता इंटरकॉम से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं। यहां तक कि कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी ने भाजपा पर महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस शुरू करने का आरोप भी लगाया जा रहा है। विपक्षी पार्टियों को चिंता है कि भाजपा अपने आपरेशन लोटस के तहत विधायकों की खरीद फरोख्त करके सदन में बहुमत न साबित कर ले।
संजय राउत का आरोप बीजेपी महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस चला रही है
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी आरोप लगाया कि बीजेपी महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस चला रही है। इतना ही नहीं राउत ने आरोप लगाया कि बीजेपी के ऑपरेशन कमल में सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और पुलिस भी शामिल है।सब अपने-अपने तरीके से विधायकों को डरा-धमकाकर बीजेपी की तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल रहा है। राउत ने कहा कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो ऑपरेशन कमल की क्या जरुरत है। बहुमत के लिए बीजेपी पर अनैतिक हथकंडे अपनाने का आरोप लगाते हुए राउत ने कहा, 'यदि आपके पास बहुमत था तो गुंडागर्दी क्यों कर रहे हैं। चंबल के डकैतों जैसा काम कर रहे हैं।
भाजपा के भराेसे ने तीनों पार्टियों की नींद हुई हराम
भाजपा को फ्लोर टेस्ट होने की स्थिति में फ्लोर मैनेजमेंट के जरिए 170 विधायकों का समर्थन जुटा लेने का अभी भी भरोसा है। वहीं, अजित पवार खुलकर सामने नहीं आ रहे, लेकिन उनके खेमे को यकीन है कि तकनीकी पहलुओं की वजह से फ्लोर टेस्ट की स्थिति में राकांपा विधायकों पर उनका ही व्हिप माना जाए।
शनिवार सुबह शपथ ग्रहण के वक्त अजित पवार के साथ मौजूद विधायक शाम को शरद पवार के पास लौट गए। लेकिन इसके बावजूद भाजपा नेताओं का कहना है कि हम फ्लोर टेस्ट में 170 के आसपास विधायक जुटाकर राज्य में आराम से सत्ता बचा लेंगे। अजित पवार ने हमें 54 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया था। यह पत्र हमारे पास है। यही फ्लोर टेस्ट और व्हिप का मूल आधार होगा। शिवसेना को जिन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था, वे भी हमारे पास आ सकते हैं। इसलिए हमें अब कोई चिंता नहीं है। भाजपा का यह दावा एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की नींद हराम की हुई हैं इसलिए वह विधायकों को अपनी आंख से ओझल तक होने का भी मौका नही दे रहे।
इन नेताओं पर हैं विधायकों से संपर्क की जिम्मेदारी
बता दें कुछ दिनों पहले भाजपा नेता नारायण राणे ने सरकार बनाने का प्रयास शुरू करने की बात कही थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया था। लेकिन अब भाजपा ने अधिकृत तौर पर नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाईक और बबनराव पाचपुते को अन्य दलों के विधायकों से संपर्क की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की चिंता और बढ़ गई है।
नारायण राणे पिछले दिनों कांग्रेस से भाजपा में आए थे और उससे पहले शिवसेना में भी रहे हैं। राधाकृष्ण विखे पाटिल इससे पहले कांग्रेस की ओर से विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे थे। पांच साल तक लगातार कांग्रेस में रहते हुए भाजपा से कट्टर विरोधी की तरह पेश आने वाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने बेटे के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए आम चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया था।
स्थिर सरकार बनने में ही विधायकों की भलाई
राजनीतिक विशेषज्ञ के अनुसार विधायकों को केन्द्र और राज्य में स्थित सरकार होने की स्थिति में ही वह अपने लिए भला मानते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं।उन्हें पता है कि बड़े दल के साथ बनने वाली सरकार में ही स्थिर सरकार होती है, न कि खिचड़ी सरकार में। इतना ही नहीं सरकार के गठन न होने की स्थित में भी जल्दी होने वाले चुनाव से भी विधायक डरे हुए हैं । ऐसीपरिस्थित में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेताओं को नहीं पता कि आज पांच सितारा होटलों में उनके साथ रह रहे विधायक सदन में किसके साथ जाएंगे ?
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