भीमा-कोरेगांव मामले की जांच NIA को सौंपे जाने से उद्धव ठाकरे से खफा हुए पवार
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना की बीच मनमुटाव की खबरें सामने आने लगी हैं। भीमा कोरेगांव पर उद्धव सरकार के फैसले से शरद पवार खफा हैं। शरद पवार के विरोध के बावजूद उद्धव ठाकरे ने भीमा कोरेगांव मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी है। बता दें कि, भीमा-कोरेगांव मामले में, पुणे सेशन कोर्ट ने एनआईए कोर्ट मुंबई को मामले के सभी रिकॉर्ड और आगे की कार्यवाही को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
एनसीपी नेता शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले पर सवाल उठाए है जिसमें महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि एल्गार परिषद (भीमा कोरेगांव) मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा अपने हाथ में लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। शरद पवार ने कहा कि केन्द्र का इस तरह से राज्य के हाथों से जांच लेना केंद्र गलत है और महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके फैसले का समर्थन करना भी गलत है।
शरद पवार ने पिछले माह आरोप लगाया था कि केंद्र ने भंडाफोड़ होने के डर से भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपी रही है। पवार ने कहा था कि अन्याय के खिलाफ बोलना नक्सलवाद नहीं है। शरद पवार ने भीमा-कोरेगांव मामले को लेकर उद्धव ठाकरे को लेटर लिखकर कहा था कि, सरकार को इसके लिए एक स्पेशल जांच टीम गठित करनी चाहिए। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने बैठक बुलाई लेकिन इस पर फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार ने जांच को एनआईए के पास ट्रांसफर कर दिया। इस पर पवार ने आपत्ति जताई थी।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र के इस फैसले की यह कहते हुए आलोचना की थी कि केंद्र सरकार को जांच में दखल देने का पूरा अधिकार है, लेकिन एनआईए को जांच सौंपने से पहले उसे राज्य सरकार को विश्वास में लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मामला एनआईए को उस समय सौंपा गया जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार विशेष जांच दल (एसआईटी) से इसकी जांच की मांग कर रहे थे।
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