2019 लोकसभा चुनाव: शरद पवार बोले- सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी करेगी प्रधानमंत्री पद का दावा
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मुंबई। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से रणनीतिक तैयारी तेज हो गई। खास तौर से विपक्षी पार्टियां इस बार के आम चुनाव में बीजेपी को रोकने को लेकर खास प्लानिंग कर रही हैं। हालांकि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा, इसको लेकर अभी तक साफ तौर से कोई एक नाम सामने नहीं आया है। इस सबके बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी ही प्रधानमंत्री पद का दावा करेगी। इसके साथ-साथ उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान की भी तारीफ की जिसमें उन्होंने कहा था कि वो प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं।
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पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए बोले शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार मुंबई में आयोजित पार्टी नेताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव होने दीजिए और इन लोगों (बीजेपी) को सत्ता से बेदखल होने दीजिए, उसके बाद हम लोग एक साथ बैठेंगे। जो भी पार्टी अधिक सीटें जीतकर आएगी, वही प्रधानमंत्री पद पर अपना दावा ठोंक सकती है। 78 वर्षीय शरद पवार ने एनसीपी नेताओं को याद दिलाया कि 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद गठित संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने तत्कालीन एनडीए सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
राहुल गांधी के 'प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखने वाले' बयान की पवार ने तारीफ की
शरद पवार ने कहा कि वो हर राज्य में जाकर उन क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की कोशिश करेंगे जो अभी बीजेपी के साथ नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। उत्तर प्रदेश में बीएसपी प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं। हर प्रदेश की स्थिति अलग है। ऐसे में हमें हर राज्य में मजबूत लोगों को अपने साथ लाना होगा।
क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की करेंगे कोशिश- शरद पवार
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इस बात से खुश हूं कि कांग्रेस नेता ने भी कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं और यह बदलाव मेरे अंदर 2014 के बाद आया। मुझे महसूस हुआ कि जिस तरह की घटनाएं देश में हो रही हैं, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है। मुझे इससे देश की रक्षा करनी है।
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