NCLAT ने साइरस मिस्त्री को दी बड़ी राहत, तीन साल बाद फिर बने टाटा ग्रुप के चेयरमैन
नई दिल्ली। बिजनेस जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने टाटा समूह के प्रबंधन को बड़ा झटका दिया है। तीन साल पहले टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री को एनसीएलएटी ने बड़ी राहत दी है। बुधवार को एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को पद से हटाए जाने को अवैध करार दिया है और उन्हें चेयरमैन पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। वहीं एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के फैसले को भी अवैध करार दिया है।
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गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री के लिए यह बड़ी जीत बताई जा रही है, वहीं एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा समूह के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का अभी मौका है। बता दें कि साइरस मिस्त्री तीन साल बाद फिर से टाट सन्स के चेयरमैन का पद संभालेंगे, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल ने उन्हें पद पर फिर से बिठाने का आदेश जारी किया है। साइरस मिस्त्री ने टाटा समूह के छठे अध्यक्ष के तौर पर साल 2012 से 2016 तक कार्य किया। एक बोर्डरूम तख्तापलट के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था।
टाट सन्स के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद साइरस मिस्त्री ने 20 दिसंबर, 2016 को मुंबई में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी शिकायत में टाटा सन्स और कंपनी के बोर्ड पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया था। बता दें कि 9 जुलाई को उन्होंने मुंबई बेंच के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें टाटा ग्रुप के चेयरमैन के पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण की विशेष पीठ ने कहा था कि टाटा सन्स के निदेशक मंडल के पास किसी को भी कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाने का अधिकार है। इसके अलावा पीठ ने यह भी कहा था कि टाटा सन्स ने साइरस मिस्त्री को इसलिए पद से हटाया क्योंकि शेयर धारकों और कंपनी को उनपर भरोसा नहीं है।