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नर्सरी में एडमिशन के लिए NCERT की गाइडलाइन, 3 साल होगी बच्चों की न्यूनतम उम्र

एनसीईआरटी की गाइडलाइन के मुताबिक प्रवेश प्रक्रिया में मूल्यांकन या बातचीत शामिल नहीं होनी चाहिए

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। नर्सरी में दाखिले को लेकर स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। एनसीईआरटी ने नर्सरी में एडमिशन के लिए राज्यों को गाइडलाइन जारी किया है। जिसके मुताबिक नर्सरी मे दाखिले के लिए बच्चे की उम्र कम से कम तीन साल होनी चाहिए। एनसीईआरटी ने शिक्षक और छात्रों का रेशो 1: 25 निर्धारित किया है। नए गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षक के पास प्री स्कूल एजुकेशन में डिप्लोमा होना चाहिए। एनसीईआरटी ने कहा है कि प्री स्कूल एजुकेशन दो साल का होगा। अभी तक नर्सरी में एडमिशन के लिए कोई नियम नहीं था स्कूल अपनी सुविधा के अनुसार दाखिला कर लेते थे।

कार्यक्रम की अवधि चार घंटे तय की गई है

कार्यक्रम की अवधि चार घंटे तय की गई है

एनसीईआरटी की गाइडलाइन के मुताबिक प्रवेश प्रक्रिया में मूल्यांकन या बातचीत शामिल नहीं होनी चाहिए। वहीं शिक्षकों को कक्षा 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए और प्री स्कूल एजुकेशन में डिप्लोमा होना चाहिए। कार्यक्रम की अवधि चार घंटे तय की गई है। प्री स्कूल और नर्सरी को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। यह आमतौर पर आंगनवाड़ी, बलवाडी, नर्सरी, प्रारंभिक, प्री-प्राथमिक, एलकेजी और यूकेजी सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है। वर्तमान में, नर्सरी शिक्षा के लिए कोई मॉडल पाठ्यक्रम नहीं है और स्कूल यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि बच्चों को क्या और कैसे सिखाया जाना चाहिए। हालांकि दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने नर्सरी प्रवेश के लिए मानदंडों को परिभाषित किया है।

 कैंपस और इंफ्रास्ट्क्चर को लेकर भी निर्देश

कैंपस और इंफ्रास्ट्क्चर को लेकर भी निर्देश

एनसीईआरटी ने स्कूल कैंपस और इंफ्रास्ट्क्चर को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किया है। जिसके तहत स्कूल के पास बच्चों के खेलने के लिए एरिया होना चाहिए वहीं स्कूल के चारों तरफ बाउंड्री होनी चाहिए। दिशा निर्देश के मुताबिक स्कूल की इमारत यातायात, तालाबों, कुओं, छिद्रों, खुली नालियों से दूर स्थित होनी चाहिए।लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय और परिसर में सीसीटीवी कैमरे होना चाहिए। प्रीस्कूल कक्षा के मानक आकार को भी परिभाषित किया गया है। जिसके तहत अधिकतम 25 बच्चों को समायोजित करने के लिए 8 x 6 वर्ग मीटर जगह होना जरुरी है। स्कूल में स्टाफ की नियुक्ति के लिए पुलिस वैरिफिकेशन जरूरी किया गया है।

राज्यों को भेजा गया है

राज्यों को भेजा गया है

एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने कहा, 'इन दिशानिर्देशों और पाठ्यक्रमों के माध्यम से हम स्कूलों को उन शैक्षणिक दृष्टिकोणों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं जो बच्चों को बोझ नहीं देते हैं। राज्य सरकारों को एनसीईआरटी को दिशानिर्देशों और पाठ्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। जिसके बाद एनसीईआरटी दस्तावेज को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रीय परामर्श आयोजित करेगी।

दस्तावेज में 17 ऐसी बातें बताई गई हैं

दस्तावेज में 17 ऐसी बातें बताई गई हैं

आपको बता दें, प्री-स्कूल के पहले साल में बच्चों की शिक्षा के लिए जारी एनसीईआरटी के दस्तावेज में 17 ऐसी बातें बताई गई हैं जो बच्चों को हर प्री-स्कूल में सीखानी चाहिए।जिसमें पहले साल में बच्चे को सुनना, प्रतिक्रिया देना औरआई कॉन्टेक्ट सीखाना जरूरी है। वहीं दूसरे साल में बच्चे को "कौन", "क्या", "जहां" जैसे सरल प्रश्नों का जवाब देना सीखाना चाहिए। आपको बता दें, अभी ये गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। राज्य सरकार को एनसीईआरटी को दिशानिर्देशों और पाठ्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए दो सप्ताह लगेंगे। जिसके बाद इस गाइडलाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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English summary
NCERT issues nursery guidelines,minimum age for admission to nursery should be three year
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