उमर अब्दुल्ला का आरोप, AFSPA हटाने के खिलाफ कुछ 'कांग्रेसी मित्रों' ने रची थी साजिश
श्रीनगर। कांग्रेस (congress) द्वारा मंगलवार को जारी किए गए मेनिफेस्टो में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) में संशोधन के वादे का जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम औऱ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला( Omar Abdullah) ने स्वागत किया है। उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जब उनके कार्यकाल में कांग्रेस उनके साथ सरकार में शामिल थी तो विवादास्पद कानून अफस्पा को खत्म करने की मांग की गई थी, तो कांग्रेस के कुछ दोस्तों के इसके खिलाफ साजिश रची थी। कांग्रेस का यह वादा... कुछ नहीं से तो अच्छा है।
उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा कि, काश कि वे इस मुद्दे (घोषणा पत्र में) का उल्लेख उस समय करते, जब मैं मुख्यमंत्री था। जब मैंने AFSPA को हटाने की मांग की, तो कुछ कांग्रेस मित्रों ने इसके खिलाफ साजिश रची थी। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। लेकिन, मुझे (पूर्व केंद्रीय मंत्री पी) चिदंबरम साहब से ही समर्थन मिला था। उन्होंने कहा कि, अगर कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं ... यह पहले से कहीं बेहतर है। अगर उन्होंने 2014 से पहले ऐसा किया होता, तो हमने राज्य के कुछ हिस्सों से ASFPA को उठाने का काम कर चुके होते।
बता दें कि, कांग्रेस ने आज अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है, जिसमें उसने वादा किया कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आई तो वह उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देने वाले AFSPA अधिनियम में संशोधन करेगी। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि, सशस्त्र बलों (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 में से यौन हिंसा, गायब कर देना तथा यातना के मामलों में प्रतिरक्षा जैसे मुद्दों को हटाया जायेगा ताकि सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच संतुलन बना रहे।
कांग्रेस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम और अशांत क्षेत्र अधिनियम की समीक्षा की जायेगी। सुरक्षा की जरुरतों और मानवाधिकारों के संरक्षण में संतुलन के लिये कानूनी प्रावधानों में उपयुक्त बदलाव किये जायेंगे। कांग्रेस ने सशस्त्र बलों की तैनाती की समीक्षा करने, घुसपैठ रोकने के लिये सीमा पर अधिक सैनिकों को तैनात करने, कश्मीर घाटी में सेना और सीएपीएफ की मौजूदगी को कम करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को और अधिक जिम्मेदारी सौंपने का वादा करती है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया कि, हम देश के बाकी हिस्सों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों, व्यापारियों और अन्य लोगों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की घटनाओं के प्रति बेहदचिंतित हैं और हम उनकी सुरक्षा और उनके अध्ययन या व्यवसाय करने के अधिकार को सुनिश्चित करेंगे।
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