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आईबी की रिपोर्ट, दक्षिण भारत में फिर से पैर जमा रहे हैं नक्‍सली

By Vicky Nanjappa
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कोच्चि। केरल में नक्‍सलियों की मौजूदगी का मामला सामने आया है। ताजा मामला केरल के अट्टापाद्दी गांव का है जो केरल की पालाक्‍कड़ जिले में स्थित है।

Kerala-Naxal

चीन से मिल रहे नक्‍सलियों को हथियार

यहां पर कुछ ऐसे पोस्‍टर लगे हुए नजर आए हैं जिनमें हथियारों की क्रांति लाने की बात कही गई है। साफ है कि नक्‍सली, केरल को अपना एक मजबूत गढ़ बनाने की तैयारी में हैं।

अब ऐसा लगने लगा है कि केरल दक्षिण भारत में नक्‍सलियों की वापसी का मजबूत जरिया बनता नजर आ रहा है। इससे पहले 10 दिसंबर को वनइंडिया की ओर से एक रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया था।

इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी था कि चीन की ओर से मिलने वाले हथियारों की मदद से नक्‍सल मूवमेंट केरल में आगे बढ़ रहा है। सोमवार को जो वाकया हुआ है वह नक्‍सलियों के मजबूत होने का एक और गंभीर मसला है।

आईबी का डॉजियर

इंटेलीजेंस ब्‍यूरो की ओर से एक डॉजियर तैयार किया गया है जो दक्षिण भारत में नक्‍सली गतिविधियों के बारे में बयां करता है। इस डॉजियर के मुताबिक माओवादियों की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की ओर से केरल में स्थित वेस्‍टर्न घाट पर नक्‍सली अपना मूवमेंट और मजबूत करते जा रहे हैं।

इसमें यह भी कहा गया है कि केरल में नक्‍सली फिर से इकट्ठा हो रहे हैं और धीरे-धीरे यह दक्षिण भारत में भी अपने पैर पसारने की कोशिशों में लगे हुए हैं। केरल के माल्‍लापुरम, वायांद और कन्‍नूर के अलावा कर्नाटक के मैसूर, कोडागू, उडुपी, चिकमंगलूर और शिमोगा में भी अब नक्‍सली इकट्ठा होने की कोशिशों में जुट गए हैं।

केरल में मौजूद 124 ग्रुप्‍स

केरल में नक्‍सली छोटी-छोटी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं ताकि वह अपनी मौजूदगी का अहसास करा सकें। इनके पास काफी आधुनिक हथियार हैं जो पहले श्रीलंका से तमिलनाडु तक आए और फिर ये हथियार नक्‍सलियों के हाथ लगे।

इसके अलावा आईबी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केरल में नक्‍सलियों का संगठन बड़े स्‍तर पर रबड़ और चाय की फसलों पर टिका हुआ है। उन्‍हें इसके लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा मानवबल की जरूरत है और उनकी इस जरूरत को स्‍थानीय लोग पूरा कर रहे हैं।

रिपोर्ट की मानें तो इस समय केरल में करीब 124 छोटे ऐसे ग्रुप्‍स हैं जो नक्‍सलियों की विचारधाराओं का समर्थन करते हैं। अगर इन संगठनों को खत्‍म नहीं किया गया तो फिर आगे चलकर काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।

आंध्र में आयोजित ट्रेनिंग कैंप

तमिलनाडु, नक्‍सलियों के लिए हथियार हासिल करने का पसंदीदा स्‍थान बन गया है। आईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि नक्‍सली उन लोगों के सपंर्क में हैं जिनके दिल में एलटीटीई के लिए सहानुभूति हैं और जो इसके बदले में नक्‍सलियों की मदद कर रहे हैं।

हाल ही में आंध्र प्रदेश के दंडाकारण्‍या जंगलों में नक्‍सलियों का एक ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया गया था। यह कैंप उन्‍हीं एलटीटीई समर्थकों की ओर से आयोजित हुआ था और इस पर आईबी का भी ध्‍यान गया।

कर्नाटक में भी आईबी अधिकारी चौकन्‍नें

वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक भी नक्‍सलियों के समर्थकों के तौर पर रहा है और आंध्र प्रदेश की ही तरह इस राज्‍य में नक्‍सलियों को कमजोर करने की कई कोशिशें भी हुईं। लेकिन वहीं कर्नाटक में अधिकारियों की नजरें नक्‍सलियों के हर कदम पर बनी हुई हैं।

अधिकारी लगातार इस पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं कि कहीं पड़ोसी राज्‍यों की तरह कर्नाटक में भी नक्‍सलियों अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर रहे। अगर ऐसा हुआ तो फिर कर्नाटक के लिए यह एक बड़ी समस्‍या बन जाएगा।

Comments
English summary
Naxals again getting strong hold in South India IB dossier paints a scary picture.
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