नवरात्रि 2020: रोहिंग्याओं के बीच दिल्ली के रेस्टोरेंट मालिक बांट रहे हैं खाना, खातिरदारी पर ये बोले मुस्लिम शरणार्थी
नई दिल्ली- कोरोना के कहर के चलते पूरे देश में हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री का धंधा चौपट हो चुका है। बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर के कुछ रेस्टोरेंट मालिकों ने नवरात्रि के पवित्र अवसर पर जिस मानवता का परिचय दिया है वह काबिले तारीफ है। राजधानी के जसोला इलाके की झुग्गियों में कई रेस्टोरेंट वालों ने रोहिंग्या समुदाय के लोगों के बीच मुफ्त में खाने के पैकेट का वितरण किया है। नवरात्रि के मौके पर मुस्लिम शरणार्थियों को मुफ्त खाना देने वाले रेस्टोरेंट में दी मार्केट प्लेस, जोश-द हाई एनर्जी बार और स्वागत रेट्रो बार जैसे रेस्तरां शामिल हैं।
नवरात्रि के पवित्र मौके पर रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच खाना बांटने वाले एक होटल मालिक ने कहा कि, 'खाने का कोई धर्म नहीं होता। यह सबके लिए होता है। यही कारण है कि हम उन लोगों को दे रहे हैं, जिन्हें इसकी जरूरत है। लोग हमें वैसे ही आशीर्वाद दे रहे हैं, जैसे कि वह अपने समुदाय के सदस्यों को देते हैं।' एक और रेस्टोरेंट मालिक का कहना है, 'खुशियां बांटने के लिए त्योहार मेरे लिए एक वजह है और आपको पता है कि इन गरीबों का जितना आशीर्वाद मिल जाए वो कम है।' ऐसे ही एक रेस्टोरेंट मालिक ने कहा है कि, 'मैं ऐसा साल में कभी-कभी करता हूं। मैं हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में करीब 5 साल से हूं और इससे मुझे ये सब और ज्यादा करने में मदद मिलती है।'
रोहिंग्या के बीच खाना बांटने के लिए कोविड से बचाव के सारे सेफ्टी गाइडलाइंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि भारत में रोहिंग्या म्यांमार के अलावा कुछ और देशों से होते हुए आए हैं और इनकी संख्या हजारों में है। भारत में हो रही इस तरह की खातिरदारी पर एक रोहिंग्या शरणार्थी ने बताया कि, 'मुझे नहीं पता कि मैं भारत सरकार और यहां के लोगों को कैसे शुक्रिया कहूं। कोविड शुरू होने के बाद से लोग हमारे कॉलोनी में हमारी मदद के लिए आ रहे हैं और हमारी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, जैसे कि राशन, पहनने के कपड़े, सफाई के लिए साबुन आदि....'
इसी तरह एक रोहिंग्या ने कहा कि भारत में 'बर्मा' से ज्यादा सुविधाएं हैं। उसके मुताबिक, 'लोग यहां हमारी काफी मदद करते हैं, चाहे खाने की चीजें हों या रहने के लिए ठिकाना। लॉकडाउन के समय से लोग हमारी हर तरह से सहायता कर रहे हैं।' एक रोहिंग्या ने कहा, 'सरकार ने सारे इंतजाम कर रखे हैं। आज तक किसी ने हमारी पहचान के सबूत के तौर पर कोई कागज नहीं मांगे हैं। हमें बहुत खुशी है कि भारत में हमें मदद मिल रही है। मैं लंबे वक्त से भारत में हूं और मुझे बहुत ही खुशी है कि मैं इस देश का हिस्सा बनने लायक हूं।'