30 साल पुराने केस में नवजोत सिंह सिंद्धू के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली। क्या नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं? ये सवाल इसलिए क्योंकि कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पुराने रोड रेज एक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ सकता है। रोड रेज का ये पूरा मामला करीब 30 साल पुराना है जिसमें दिसंबर 2006 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी माना था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट में सिद्धू की अर्जी के बाद उनकी सजा पर रोक लगा दी गई। अब उसी मामले में सुनवाई आखिरी दौर में है। आइये जानते हैं सिद्धू के खिलाफ इस केस में कब-कब, क्या-क्या हुआ...?
क्या है रोड रेज का पूरा केस
जानकारी के मुताबिक पूरी घटना 27 दिसंबर 1988 की है, जब कार की पार्किंग को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू का गुरनाम सिंह नाम के एक बुजुर्ग शख्स से विवाद हो गया। उस समय सिद्धू के साथ उनके एक दोस्त सिंधूं हालात इतने बिगड़ गए कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। इस मारपीट में गुरनाम सिंह को गंभीर चोट आई। हालांकि गुरनाम सिंह के परिजन और मौके पर मौजूद एक रिश्तेदार ने बताया कि सिद्धू की मारपीट में गुरनाम सिंह गंभीर रुप से घायल हो गए। उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया गया। जिसमें सिद्धू के साथ उनके एक दोस्त रुपिंदर सिंह सिंधू के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ।
हाईकोर्ट ने दिया था दोषी करार
पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को 1999 में बड़ी राहत मिली, जब सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में केस को खत्म कर दिया। सेशन कोर्ट के इस फैसले के बाद साल 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की। इस मामले की सुनवाई के बीच साल 2004 में सिद्धू ने राजनीति में एंट्री की और अमृतसर से बीजेपी के सांसद चुने गए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दिसंबर 2006 में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी माना और उनको 3-3 साल की सजा सुनाई गई। इस मामले में सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद से मामले सुप्रीम कोर्ट में है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले पर फैसला आ सकता है।
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