कांग्रेस की करारी हार और अमरिंदर सिंह से 'मनमुटाव' के बीच सिद्धू ने किया यह ट्वीट
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नतीजों के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी, हालांकि पार्टी नेताओं की मान-मनौव्वल के बाद उन्हें फिलहाल मना लिया गया है। दूसरी ओर पार्टी में आगे की रणनीति को लेकर मंथन का दौर जारी है। इस बीच शनिवार को कांग्रेस के 52 नवनिर्वाचित सांसदों ने एक बैठक में सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना है। वहीं पार्टी के अंदर जारी इस सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने एक शायरी लिखी, जिसके मौजूदा हालात में कई रणनीतिकार कई सियासी मतलब निकाल रहे हैं।
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सिद्धू का ट्वीट, 'गिरते हैं शहसवार (घुड़सवार) ही मैदान-ए-जंग में...'
नवजोत सिंह सिद्धू ने शायराना अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "गिरते हैं शहसवार (घुड़सवार) ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल (छोटा बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले।" उनका ये ट्वीट इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब कांग्रेस में उनको लेकर काफी विरोध की खबरें सामने आई थीं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी टकराव की स्थिति देखने को मिली। हालांकि, सिद्धू ने अपने ऊपर उठ रहे सवालों का कई बार खुलकर जवाब भी दिया। उन्होंने अपने कामकाज को लेकर सफाई दी।
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शायराना अंदाज में अपनी बात रखते हैं सिद्धू
सिद्धू लगातार अपनी बात शायराना अंदाज में रखते रहे हैं, शुक्रवार को किए गए ट्वीट से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने 30 जून को भी एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, "परिंदों को मंज़िल मिलेगी हमेशा, यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं, वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर, ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं।"
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जब सिद्धू ने लिखा- 'हमें मुजरिम ना यूं समझना, बड़ा अफसोस होता है'
वहीं 29 मई को किए गए ट्वीट में सिद्धू ने लिखा था, "हमें मुजरिम ना यूँ समझना, बड़ा अफसोस होता है, महाबदौलत के अदब से हम यहां तशरीफ़ लाए हैं, पलट देते हैं मौजे तूफ़ान अपनी जुर्रत से, हमने आंधियों में भी चिराग अक्सर जलाए हैं।" बता दें कि सिद्धू के खिलाफ प्रदेश में पार्टी के अंदर उठ रही आवाजों के मद्देनजर अपना पक्ष रखने की कोशिश की। वहीं बात करें कांग्रेस की धीरे-धीरे पार्टी में एक बार फिर से आगे बढ़ने लगी है। कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन किया है। अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते राहुल ने चुनाव में काफी मेहनत की और अपनी ओर से सभी मुमकिन कोशिशें की लेकिन नतीजे हमारी उम्मीदों के हिसाब से नहीं आए। जनता का जो निर्णय है उसे स्वीकारते हुए हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।"
कांग्रेस का बड़ा फैसला, नेता विपक्ष के लिए दावा नहीं करेगी पार्टी
इस बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया है कि पार्टी संसद में नेता विपक्ष के पद के लिए दावा नहीं करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष के लिए सांसदों की जो संख्या चाहिए वो हमारे पास नहीं है। हमारे पास 54 सांसदों की संख्या नहीं हैं तो हम इसके लिए दावा नहीं करेंगे। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के बाद सुरजेवाला ने इसकी जनकारी दी है।
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