सिद्धू बीजेपी-कांग्रेस छोड़कर किसी भी तीसरी पार्टी में जा सकते हैं, AAP में जाने की अटकलें?
बेंगलुरू। काफी दिनों से सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे पूर्व क्रिकेटर, पूर्व बीजेपी नेता और अब कांग्रेस में भी भूतपूर्व होने के कगार पर पहुंचे चुके नवजोत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने अटकले चल रही हैं। सिद्धू आखिरी बार तब बोलते हुए जब सुना गया था जब उन्हें पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबीनेट से बाहर निकाल दिया गया था।
हालांकि उस दौरान भी सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की खुशफुसाहट चल रही थी, लेकिन फिर बात आई गई हो गई। अभी कुछ दिन पहले ही सिद्धू को शिरोमणि अकाली दल पार्टी से टूटकर शिद टकसाली में भी लाने में प्रयास किए गए थे, जहां उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की खबर उड़ रही थी, लेकिन सिद्धू ने मुंह नहीं खोला।
ऐसी अफवाहें है कि एक बार सिद्धू आम आदमी पार्टी की ओऱ रूख कर सकते हैं, क्योंकि दिल्ली में दोबार रिकॉर्ड जीत के साथ आम आदमी ने वापसी की है। चूंकि कांग्रेस से नाराज होकर लंबे समय से घर बैठे पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस में वापसी से साफ संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस संगठन के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता ने नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की काफी कोशिश की गई और कहा कि उन्हें अब सरकार में लौटना चाहिए, लेकिन सिद्धू नहीं माने। यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी। यही नहीं, दिल्ली के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नाम होने के बाद भी सिद्धू दिल्ली में प्रचार के लिए नहीं पहुंचे थे।
बताया जाता है कि कांग्रेस आलाकमान से नाराज नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कहते हुए पंजाब सरकार में दोबारा शामिल होने से इन्कार कर दिया, क्योंकि उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का उन पर विश्वास नहीं है। यही कारण है कि सार्वजनिक तौर पर भी सिद्धू यह बात कहने से नहीं चूकते कि अब उनकी कांग्रेस में वापसी की दिलचस्पी नहीं रही है।
यही कारण है कि इस सारे घटनाक्रम दिल्ली के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी सिद्धू को अपने पाले में लाने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस नेता ने बताया कि यह बात उनकी जानकारी में है कि दोनों ओर से बातचीत चल रही है, लेकिन यह किस स्तर पर पहुंची है, इसकी जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कांग्रेस में भी इस बात की चर्चा है कि पार्टी में हाशिए पर लगे सिद्धू आप का झाड़ू थाम सकते हैं। इसीलिए स्टार प्रचारक होने के बावजूद सिद्धू ने कांग्रेस के पक्ष में एक भी रैली नहीं की, क्योंकि वह जानते थे कि उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ ही बोलना पड़ेगा।
हालांकि, आप की तरफ से किसी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी आप ने उन्हें पार्टी में शामिल करने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी उन्हें केवल स्टार प्रचारक बनाकर ही रखना चाहती थी। ऐसे में उनकी बात नहीं बनी। अब आप और सिद्धू , दोनों के लिए स्थितियां बदल गई हैं।
उधर, पंजाब में भी दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर जमकर राजनीतिक चर्चा हो रही है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिरकार कांग्रेस के सबसे बड़े स्टार प्रचारकों में शामिल मशहूर सेलिब्रिटी नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली चुनाव में प्रचार करने क्यों नहीं गए? इस सवाल के जवाब को लेकर खुद नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी चुप्पी साध रखी है। दोनों इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं कि आखिर दिल्ली में चुनाव प्रचार न करने के पीछे वजह क्या थी?
हालांकि पंजाब सरकार के प्रवक्ता और नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाने वाले राज कुमार वेरका का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू व्यस्त होने की वजह से दिल्ली चुनाव में प्रचार करने नहीं जा पाए होंगे। राज कुमार वेरका का यह भी कहना है कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए पंजाब से 40 कांग्रेसी नेताओं को बुलाया गया था, जिसमें से सिर्फ 20 नेता ही जा पाए. यहां पर सिद्धू के अलावा दूसरे नेताओं की बात नहीं हो रही।
वहीं, जब नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में चुनाव प्रचार से गायब रहने को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत से सवाल किया गया, तो वो भड़क गए और कहा कि आखिर मीडिया सिद्धू-सिद्धू क्यों करता रहता है? सिद्धू के अलावा क्या पूरे पंजाब में कोई और कांग्रेस नेता नहीं दिखता है? उन्होंने आगे कहा कि ये कांग्रेस पार्टी है और पार्टी सिर्फ काम देखती है. अगर कोई ऐसी कंडीशन लगाएगा कि मुझे कुछ मिलेगा, तो ही मैं पार्टी के लिए काम करूंगा, तो उसे कांग्रेस बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देती है।
माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस पार्टी में अपनी बेकद्री को देखते हुए जल्द फैसला ले सकते हैं, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि सिद्धू बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर किसी और पार्टी का दामन थामेंगे। अभी उनके पास दो ऑप्सन हैं। एक है अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी और दूसरी है शिरोमणि अकाली दल-टकसाली।
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आम आदमी पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों के लिए उपयुक्त मौका
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आप की नजरें एक बार फिर पंजाब पर लग गई हैं। पार्टी इस बार वह गलतियां दोहराना नहीं चाहती, जो पिछले चुनाव के दौरान हुई थीं। आम आदमी पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों के लिए यह काफी उपयुक्त मौका है। पंजाब में आम आदमी पार्टी का झाड़ू लगातार तीन सालों से बिखर रहा है। पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक मुख्य ग्रुप को छोड़ चुके हैं। सुखपाल खैहरा, कंवर संधू, सरीखे नेता पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं। पार्टी के पास भगवंत मान को छोड़कर कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उन्हें एक बड़े जट्ट सिख चेहरे की तलाश है, जो सिद्धू पूरा कर सकते हैं।
नवजोत सिद्धू संसदीय चुनाव के बाद से ही हाशिए पर लगे हुए हैं
नवजोत सिद्धू संसदीय चुनाव के बाद से ही हाशिए पर लगे हुए हैं। बठिंडा सीट हारने का ठीकरा उन्हीं के सिर फूटा था। 2017 में चुनाव के दौरान जब सिद्धू का आम आदमी पार्टी ने हाथ नहीं थामा, तो सिद्धू कांग्रेस में चले गए। उनकी ताबड़तोड़ रैलियों के चलते कांग्रेस ने 77 सीटें जीत लीं, लेकिन सिद्धू ने 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान पंजाब से दूरी बनाए रखी। मात्र एक दो रैलियां कीं।
पंजाब सरकार में विभाग बदलने पर सिद्धू ने कैबिनेट से दिया था इस्तीफा
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2019 में संसदीय चुनाव के बाद सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाकर उन्हें बिजली विभाग सौंप दिया था। नाराज सिद्धू ने बिजली विभाग ज्वाइन ही नहीं किया और घर बैठ गए। उसके बाद उन्होंने यह कहते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया कि मुख्यमंत्री को उन पर भरोसा ही नहीं है। कांग्रेस ने पहले राजस्थान के चुनाव में और अब दिल्ली के चुनाव में सिद्धू को स्टार प्रचारक बनाया, लेकिन वह किसी भी चुनाव में प्रचार करने नहीं गए।
कांग्रेस ऐसे लोगों बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देती हैः साधू सिंह धर्मसोत
नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में चुनाव प्रचार से गायब रहने को लेकर पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत से सवाल किया गया, तो वो भड़क गए और कहा कि आखिर मीडिया सिद्धू-सिद्धू क्यों करता रहता है? सिद्धू के अलावा क्या पूरे पंजाब में कोई और कांग्रेस नेता नहीं दिखता है? उन्होंने आगे कहा कि ये कांग्रेस पार्टी है और पार्टी सिर्फ काम देखती है. अगर कोई ऐसी कंडीशन लगाएगा कि मुझे कुछ मिलेगा, तो ही मैं पार्टी के लिए काम करूंगा, तो उसे कांग्रेस बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देती है।
कांग्रेस में भी चर्चा है कि AAP का दामन थाम सकते हैं नवजोत सिंह सिद्धू
कांग्रेस में भी इस बात की चर्चा है कि पार्टी में हाशिए पर लगे सिद्धू आप का झाड़ू थाम सकते हैं। इसीलिए स्टार प्रचारक होने के बावजूद सिद्धू ने कांग्रेस के पक्ष में एक भी रैली नहीं की, क्योंकि वह जानते थे कि उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ ही बोलना पड़ेगा। हालांकि, आप की तरफ से किसी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी आप ने उन्हें पार्टी में शामिल करने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी उन्हें केवल स्टार प्रचारक बनाकर ही रखना चाहती थी। ऐसे में उनकी बात नहीं बनी। अब आप और सिद्धू , दोनों के लिए स्थितियां बदल गई हैं।