14 महीने बाद वनवास से लौटे नवजोत सिंह सिद्धू, किसानों के समर्थन में मोदी सरकार पर साधा निशाना
14 महीने बाद वनवास से लौटे नवजोत सिंह सिद्धू, किसानों के समर्थन में मोदी सरकार पर शायरी से साधा निशाना
नई दिल्ली। पंजाब की अमरिंदर सिंह बादल सरकार में फजीहत होने के बाद चुप्पी साधने वाले किक्रेटर से नेता बने पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने 14 माह के वनवास के बाद चुप्पी तोड़ी है। 14 महीने बाद ट्विटर पर लौटते ही पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। एक साल से किसानों समेत अन्य मुद्दों पर मौन धारण करने वाले सिद्धू ने लोकसभा में परित हुए कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार को अपने निराले शायरना अंदाज में घेरा है।
अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं
सिद्धू ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में सिद्धू लिखा कि सरकारें तमाम उम्र यही भूल करती रही, धूल उनके चेहरे पर थी, आईना साफ करती रही... दूसरा ट्वीट उनके ट्विटर वॉल पर पंजाबी में लिखा है। जिसमें सिद्धू ने लिखा है कि किसान पंजाब की आत्मा है... शरीर के घाव ठीक हो सकते हैं, लेकिन आत्मा के घाव को ठीक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसमें आगे लिखा हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीने का काम करो...पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है...।
पंजाब में इस विधेयक का इसलिए जमकर हो रहा विरोध
बता दें केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि से जुड़े विधेयकों का पंजाब में काफी विरोध हो रहा है। किसानों और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां समाप्त होने की आशंका है। यही कारण है कि प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने कृषि विधेयकों का विरोध किया है। इतना नहीं अकाली दल की नेता केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े विधेयकों के विरोध करते हुए मोदी मंत्रीमंडल से इस्तीफा तक दे दिया है। उनके इस्तीफे को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नौटंकी करार दिया है। उधर, पंजाब और हरियाणा में किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। किसान इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे है। किसानों को डर है कि नए किसान कानून से उन्हें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल सकेगा।
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हरसिमरत कौर ने इस्तीफे की बताई ये वजह
एनडीए के प्रमुख सहयोगी शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार ने उनसे कोई सलाह नहीं ली।हरसिमरत बादल ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्वीट पर देते हुए लिखा था कि 'मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व। 'हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयकों को ‘‘ऐतिहासिक'' करार दिया है।
जानिए हरसिमरत कौर ने मोदी सरकार से क्यों दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि पंजाब में किसान वोट बैंक शिरोमणि अकाली दल की रीढ़ है। हाल ही में हरसिमरत कौर के पति सुखबीर सिंह बादल बयान दिया था था कि हर अकाली एक किसान है और हर किसान एक अकाली है। इस समय केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब के सभी किसान संगठन आपसी राजनीतिक मतभेद भुलाकर सड़कों पर हैं। मालवा बेल्ट में किसानों ने खुले तौर पर चेतावनी दी है कि केंद्र के कृषि विधेयकों का समर्थन करने वाले किसी किसी भी नेता को उनके गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। मोदी सरकार को घेरने का ये मौका कोई भी दल गंवाना नहीं चाहते हैं। यहीं कारण है कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष एक बाद एक मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं।