Agriculture Bill 2020: नवीन पटनायक के यू-टर्न से सब हैरान, विपक्षी दलों के निशाने पर BJD
नई दिल्ली। कृषि विधेयक पर जहां विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है और किसान विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर उतर आए हैं, वहीं दूसरी ओर बीजेडी ने ऐन मौके पर बिल का विरोध करके सभी को हैरत में डाल दिया, क्योंकि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही बीजेडी ने सरकार का समर्थन किया है। नोटबंदी से लेकर जीएसटी, सीएए, तीन तलाक, आरटीआई संशोधन हो या फिर आर्टिकल 370 का मुद्दा, नवीन पटनायक की बीजेडी हमेशा मोदी सरकार की भरोसेमंद रही है।
नवीन पटनायक के यू-टर्न से सब हैरान
यही नहीं हाल ही में बीजेडी ने उपसभापति के लिए एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश के पक्ष में वोट दिया था, ऐसे में रविवार को राज्यसभा में बीजेडी का बिल का विरोध करना सबको हैरान कर गया, राजनीतिक पुरोधागण इसके पीछे का कारण ये बता रहे हैं कि अभी तक एनडीए की जिस भी पॉलिसी का बीजेडी ने समर्थन किया, उसका ओडिशा की राजनीति में कुछ खास असर नहीं पड़ा था।
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BJD को सताया वोटबैंक का डर!
लेकिन ये मामला किसानों से जुड़ा है, ऐसे में नवीन पटनायक का कोर वोट बैंक (किसान) नाराज हो सकता है, राज्य की 4.5 करोड़ आबादी का करीब 70 फीसदी हिस्सा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़ा हुआ है। इसमें से अधिकतर सीमांत और छोटे किसान हैं और ऐसे में पटनायक अपने किसानों को नाराज नहीं करना चाहते और यही वजह है कि उन्होंने राज्यसभा में इस बिल का विरोध किया था, बता दें कि हाल ही में ओडिशा में इस बिल को लेकर काफी ओडिशा में काफी विरोध भी हुआ था।
'बिल को सेलेक्शन कमिटी भेजने की अपील'
आपको बता दें कि राज्यसभा में रविवार को बहस के दौरान सांसद अमर पटनायक ने केंद्र से बिल को आगे के परीक्षण के लिए एक सेलेक्शन कमिटी को भेजने की अपील की थी, उन्होंने कहा था कि अक्सर छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त करने का अवसर भी नहीं मिलता। जमीन पर इस बिल को लेकर काफी गलतफहमी है खासकर खरीद क्षेत्रों में, इसलिए इसे फिर से सेलेक्शन कमेटी के भेजा जाए।
'विरोध किसी भी विशेष राजनीतिक विचारधारा से निर्देशित नहीं'
हालांकि राज्यसभा में बीजेडी के इस रवैये पर ओडिशा में बीजेपी नेताओं ने खासी नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक नीत पार्टी (बीजद) को विनयमित बाजार समतियों पर अपना नियंत्रण समाप्त होने की आशंका है, जिस बीजद नेताओं ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध किसी भी विशेष राजनीतिक विचारधारा से दिशा निर्दशित नहीं है, आपको बता दें राज्यसभा में ओडिशा से आने वाले 10 सांसदों में से 9 बीजेडी के हैं, जबकि एक भाजपा का है।
बीजद विरोध का नाटक कर रही: कांग्रेस
फिलहाल कृषि विधेयक रविवार को राज्यसभा में पारित हो गया। बीजद के कृषि विधेयकों का विरोध करने को नाटक बताते हुए ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (ओपीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा कि राज्य के लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं कि बीजद और भाजपा दोनों एक साथ हैं।