नेचुरल इम्यूनिटी वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली, डेल्टा वैरिएंट के दौरान की गई रिसर्च में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। बुधवार को नेचुरल इम्यूनिटी को लेकर एक स्टडी की रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि अमेरिका में जिन लोगों की इम्यूनिटी अच्छी थी पर वैक्सीनिटेड नहीं थे लेकिन कोरोना के चपेट में आ गए थे वो ज्यादा सुरक्षित थे उन लोगों के मुकाबले जिन लोगों ने दोनों डोज ले रखा था और पहले संक्रमित नहीं हुए थे। इस स्टडी से इस बात को और बल मिलता है कि कोरोना से उबरने के बाद शरीर में बनने वाली नैचुरल इम्युनिटी कोरोना वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है। हालांकि रिसर्च के लेखकों ने चेतावनी दी है कि टीकाकरण करवा चुके लोगों की तुलना में बिना टीका लेने वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने, लंब समय तक कोरोना का प्रभाव और मौत होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

यूएस सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बयान में कहा है कि वायरस लगातार स्वरूप बदल रहे हैं, जिसमें कोविड 19 का कारण बनने वाला वायरस भी शामिल है। साथ ही यह भी कहा कि वैक्सीनेशन में मिली सुरक्षा और संक्रमण के बाद मिली सुरक्षा के स्तर पर स्टडी की अवधि के दौरान बदलाव देखा गया है। हालांकि कोरोना से बचने के लिए टीकाकरण अब भी सबसे सुरक्षित उपाय है। इस नई रिसर्च में 30 मई से 30 नवंबर 2021 के बीच न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया के मरीजों को शामिल किया गया था।
यह विश्लेषण ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से पहले किया गया था। ओमिक्रॉन वैरिएंट ने टीके और संक्रमण के बाद पैदा होने वाला इम्यूनिटी दोनों कमतर दिखाते हुए लोगों को संक्रमण का शिकार बनाया। अक्टूबर की शुरुआत में देखा गया कि ऐसे वैक्सीनेटेड लोग जिन्हें पहले कोरोना नहीं हुआ था, उनके बीच मामलों की दर ऐसे लोगों की तुलना में कम थी, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाया था और कोरोना के चपेट में भी आए थे। कैलिफोर्निया में यह दर 6 गुनी और न्यूयॉर्क में 5 गुनी कम थी।
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हालांकि उन लोगों के बीच मामलों की यह दर और कम हो जाती है, जिन्हें पहले से कोरोना हुआ था। अनवैक्सीनेटेड के साथ कोविड का शिकार नहीं हुए लोगों की तुलना में उनमें मामलों की दर करीब कैलिफोर्निया में 29 गुना और न्यूयॉर्क में 15 गुना कम थी। टीकाकरण के साथ पहले से कोरोना के चपेट में आ चुके लोग कोविड 19 के खिलाफ सबसे अधिक सुरक्षित दिखे। अन्य कई रिसर्चों में भी पाया गया है कि डेल्टा के मामलों में तेजी के दौरान टीकों की तुलना में प्राकृतिक क्षमता अधिक शक्तिशाली थी।