National Girl Child Day: देश की इन बेटियों ने लिखा सफलता का नया इतिहास, हर किसी को है इन पर नाज
National Girl Child Day:'बेटा घर का दीपक है तो बेटियां घर की रोशनी हैं',इसी बात का महत्व लोगों को समझाने के लिए आज पूरा देश 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' मना रहा है। हर साल 24 जनवरी को 'नेशनल गर्ल्स डे' मनाया जाता है क्योंकि आज के ही दिन इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। ये बात पूरी तरह से साबित हो चुकी है कि आज बेटी किसी भी मामले में बेटे से कम नहीं हैं। आज भारत की महिला अबला नहीं है बल्कि वो सक्षम है, मजबूत है। वो अगर लक्ष्मी बनकर घर का आंगन संवार सकती है तो मां दुर्गा बनकर अन्याय के खिलाफ आवाज भी उठा सकती है। बीते दस सालों में भारत की महिलाओं में काफी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है, समाज में लोगों की सोच में बदलाव हुआ है, लड़कियां पढ़ रही हैं और आगे बढ़ रही हैं।
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आइए इस खास मौके पर हम बात करते हैं देश की उन बेटियों के बारे में जिन्होंने अपने मां-बाप का नाम तो रौशन किया ही है, बल्कि देश के सामने एक अलग पहचान भी बनाई है, जिस पर हर भारतवासी को नाज है..
भारत की वित्तमंत्री बनीं ताकतवर महिला
मशहूर पत्रिका 'फोर्ब्स' ने साल 2020 में भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और एचसीएल एंटरप्राइजेज की सीईओ रोशनी नडार मल्होत्रा को विश्व की सर्वाधिक 100 शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया था जो कि भारत के लिए गौरव की बात थी।
निर्मला सीतारमण बनीं लोगों के लिए मिसाल
मालूम हो कि मोदी सरकार 1 में रक्षा मंत्री की कमान संभालने वाली निर्मला सीतारमण, मोदी सरकार 2 में वित्तमंत्री का पद संभाल रही हैं। शांत, सौम्य और ज्ञान का पर्याय निर्मला सीतारमण ने जेएनयू से इकोनॉमिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की थी। उनके पिता भारतीय रेलवे में कार्यरत थे। उनकी शादी डॉक्टर पराकाला प्रभाकर से हुई है। आगे की पढ़ाई के लिए उनके पति लंदन चले गए थे। जिनके साथ निर्मला सीतारमण भी लंदन में रहने लगीं। वहां उन्होंने एक होम स्टोर में बतौर सेल्सगर्ल भी काम किया था इसके बाद वो सीनियर मैनेजर बन गईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजनीति में आने से पहले उन्होंने यूके की एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन में बतौर असिस्टेंट और प्राइस वाटर हाउस कूपर्स में सीनियर मैनेजर के तौर पर भी काम किया है। भारत की इस बेटी पर पूरे देश को नाज है।
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'पद्म भूषण' से सम्मानित हैं किरण मजूमदार
तो वहीं भारत के लिए प्रेरणा बनीं किरण मजूमदार शॉ एक व्यवसायी, टेक्नोक्रेट, अन्वेषक और बायोकॉन की संस्थापक हैं। वे बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के साथ सिनजीन इंटरनेशनल लिमिटेड और क्लिनिजीन इंटरनेशनल लिमिटेड की अध्यक्ष भी हैं। भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार परिषद की एक सदस्य के रूप में उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी के विकास के क्षेत्र में कई काम किए हैं और इसी वजह से भारत सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री (1989) और पद्म भूषण (2005) समेत कई पुरस्कारों से नवाजा है।
सफल Business Woman रेणुका जगतियानी
जबकि लैंडमार्क समूह की प्रमुख रेणुका जगतियानी एक सफल Business Woman के रूप में जानी जाती हैं। ग्रुप लैंडमार्क को उनके पति मिकी जगतियानी ने स्थापित किया था, जिसने पिछले 20 सालों से बिजनेस की दुनिया में नई ऊंचाईयां छूई हैं। कंपनी के प्रमुख के रूप में, जगतियानी ने 50,000 से अधिक कर्मचारियों को अपनी कंपनी में जगह दी है।
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एयर इंडिया की 4 महिला पायलटों ने रचा इतिहास
हाल ही में एयर इंडिया की चार महिला पायलटों की टीम ने इतिहास रचा है और देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया है। इन चारों ने दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग नॉर्थ पॉल पर उड़ान भरकरसफलता की नई दास्तां लिखी है। इन चारों महिलाओं के नाम हैं कैप्टन जोया अग्रवाल, कैप्टन पापागरी तन्मई, कैप्टन आकांक्षा सोनावने और कैप्टन शिवानी। इन चारों महिलाओं ने साबित किया है कि महिलाएं केवल घर की गाड़ी ही नहीं चली सकती हैं बल्कि आसमां में परिंदों की तरह उड़ सकती हैं। इन सभी पर पूरे देश को गर्व है।
वर्ल्ड इनोवेशन सम्मान से सम्मानित हिमानी मिश्रा
वर्ल्ड इनोवेशन सम्मान से सम्मानित और देश की 50 Fabulous Innovative Leaders में से एक Brand Radiator की CEO हिमानी मिश्रा ने भी देश के सामने अनोखी मिसाल पेश की है। इन्होंने साबित किया कि इरादे नेक और दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान हर वो चीज पा सकता है जिसे वो चाहता है। मूल रूप से बिहार की रहने वाली हिमानी ने भी बेटी होने का दंश झेला है लेकिन अपनी हिम्मत, कौशल और लगन से इन्होंने आज वो मुकाम हासिल किया है, जहां पहुंचना आसान नहीं। देश की ये बेटी आज एक सशक्त उद्यमी के तौर पर जानी जााती है, जिन्होंने अपने कुशल नेतृत्व में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग का काम संभाला है। अपनी स्थापना के महज 20 महीनों में 'ब्रांड रेडियेटर' ने सफलता का मुकाम हासिल किया है और 35 लोगों को नौकरी दी है। भारत की इस बेटी को देश का हर नागरिक सलाम करता है।