बिहार: तीसरी कक्षा की पुस्तक में छापा उल्टा तिरंगा, एक महीने बाद पकड़ में आई गलती
गया। बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तक के प्रकाशन में भी लापरवाही की मामला सामने आया है। प्रकाशकों ने कक्षा तीन में पढ़ाई जाने वाली एक पुस्तक पर राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा छाप दिया है। जिसके बाद अब शिक्षा विभाग ने प्रकाशक की गलती बताकर पल्ला झाड़ लिया है। जिला सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख यूके सिंह ने बताया, "यह गलती प्रकाशक और प्रिंटर की तरफ से हुई है, संबंधित अधिकारियों को गलत किताबें वापस लाने और सही किताबें बच्चों को देने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल पर्यावरण और हम भाग-1 विषय की पुस्तक तीसरी कक्षा के बच्चों के लिए प्रकाशित की गयी है. पुस्तक के बैक कवर पर राष्ट्रगान छपा है। राष्ट्रगान के बायीं ओर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा छापा गया है। प्रकाशक ने इस किताब में छपे झंडे में हरे रंग की जगह पर केसरिया और केसरिया की जगह पर हरे रंग की पट्टी लगा दी गयी है। किताब के बंटे हुए एक महीने से अधिक हो गया है। इस गलती पर ना तो प्रकाशक की नजर गई और ना ही शिक्षा विभाग की।
इस पुस्तक का प्रकाशन राज्य शिक्षा शोध प्रशिक्षण परिषद बिहार पटना के लिए बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिसिंग कारपोरेशन लि. पटना ने किया है। निदेशक प्राथमिक शिक्षा, मानव संसाधन विकास विभाग बिहार सरकार ने इसे स्वीकृति दी है। इस प्रकाशन की कमेटी में कई बडे अधिकारी, लेखक और विशेषज्ञ शामिल हैं। लेकिन इतनी बड़ी गलती पर किसी की भी नजर नहीं गई। इसे अप्रूव कर बाजार में बेचने के लिए जारी करवा दी।
मामले के सामने आने के बाद गया जिले के सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख यूके सिंह ने बताया, संबंधित अधिकारियों को गलत किताबें वापस लाने और सही किताबें बच्चों को देने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही इस गलती को सुधार लिया जाएगा।
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