वैक्सीन प्रशासन ने घरेलू कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की, जानिए पूरा विवरण
नई दिल्ली। कोरोना वायरस पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को प्रमुख घरेलू वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे, भारत बायोटेक, हैदराबाद, ज़ाइडस कैडिला, अहमदाबाद, गेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स, पुणे, और जैविक ई, हैदराबाद से मुलाकात की। वैक्सीन को लेकर सोमवार को अपनी दूसरी बैठक में समूह ने सभी फार्मा कंपनियों के प्रमुखों के साथ खरीद प्रक्रियाओं और मूल्य निर्धारण के बारीकी विवरण पर चर्चा की।
The National Expert Group on Vaccine Administration today met leading domestic vaccine manufactures- Serum Institute of India, Pune; Bharat Biotech, Hyderabad; Zydus Cadila, Ahmedabad; Gennova Biopharmaceuticals, Pune; and Biological E, Hyderabad: Government of India #COVID19
— ANI (@ANI) August 17, 2020
रूसी कोरोना वैक्सीन का पहला बैच तैयार, अगस्त अंत में बाजार में उपलब्ध हो सकता है टीका!
रूसी स्पूटनिक वी वैक्सीन को पहली पसंद के रूप में नहीं देख रहा है भारत
दरअसल, भारत सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाना का दावा करने वाले रूस के स्पूटनिक वी वैक्सीन को पहली पसंद के रूप में नहीं देख रहा है। इसलिए केंद्र सरकार दुनियाभर के टॉप कोरोना वैक्सीन कैंडिडेट्स को हासिल करने की कोशिश में है। इसके अलावा वह घरेलू वैक्सीन निर्माता कंपनियों के ट्रायल पर भी नजर रखी जा रही है। इसी को लेकर कोरोना वैक्सीन को लेकर विशेषज्ञों का समूह विभिन्न घरेलू कंपनियों से मुलाकात की है।
विकल्पों के रूप में फिलहाल ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका पर नजर
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक भारत वैक्सीन के विकल्पों के रूप में फिलहाल ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका और अमेरिका के मॉडर्न-एनआईएआईडी द्वारा विकसित किए जा रही कोरोना वैक्सीन में देख रहा है। इस क्रम में जर्मनी और इजरायल समेत दुनिया के नौ और वैक्सीन प्रोग्राम पर भी सरकार विचार कर रही है।
भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की प्रगति को ट्रैक कर रही है सरकार
सरकार हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और अहमदाबाद स्थित जाइडस कैडिला द्वारा परीक्षण किए जा रहे उम्मीदवारों की प्रगति की बारीकी से ट्रैक कर रही है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एजेडडी 1222 वैक्सीन के लिए एस्ट्राजेनका के साथ एक उत्पादन और क्लीनिकल परीक्षण किया है। यह अब तक दुनियाभर में किए गए परीक्षणों में ज्यादा लोगों पर किया गया है।
ICMR-भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का 12 जगहों पर चल रहा है ट्रायल
वहीं, आईसीएमआर-भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल देशभर में 12 जगहों पर चल रहा है। जाइडस कैडिला की जाइकोव-डी का फेज-2 ट्रायल 6 अगस्त से शुरू हुआ था, लेकिन फेज-1 के नतीजे अबतक सार्वजनिक नहीं हुए हैं।
दुनिया भर में ह्यूमन ट्रायल से गुजर रहे हैं 29 वैक्सीन
दुनियाभर में इस वक्त 29 कोविड वैक्सीन (एक्सपेरिमेंटल) क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही हैं। इसके अलावा 138 वैक्सीन ऐसी हैं जिनका जानवरों पर टेस्टिंग चल रही है। दुनियाभर के विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित वैक्सीन आने में अभी वक्त लग सकता है। हालांकि आमतौर पर किसी वैक्सीन को बना कर बाजार में उतारने में 10-12 साल लगते हैं।