Constitution Day को प्रधान ने बताया-'गर्व करने का दिन', बिड़ला ने लिया रक्षा का संकल्प
नई दिल्ली। भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस या संवत् दिवस मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन भारत में संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। 1949 में इस दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला सहित कई नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों ने डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी।
संविधान की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं: ओम बिड़ला
Recommended Video
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, ''बीआर अंबेडकर ने हमारे संविधान के निर्माण में एक आवश्यक भूमिका निभाई। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर हम इसकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। यह संविधान की रक्षा के लिए निर्वाचित संस्थानों की जिम्मेदारी है और अपनी भावना रखते हुए प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए हमारा कर्तव्य।''
धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में डॉ. बीआर अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा, "यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व महसूस करने का दिन है। इस दिन पर 71 साल पहले, डॉ. बीआर अंबेडकर के मार्गदर्शन में संविधान का गठन किया गया था।" बता दें, संविधान भारत सरकार के लिखित सिद्धांतों और उदाहरणों का एक समूह है, जो मूलभूत राजनीतिक सिद्धांतों, अधिकारों, प्रक्रियाओं, प्रतिबंधों, निर्देश सिद्धांतों, सरकार और देश के नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करता है। यह भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है और अपने नागरिकों की समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है।
Constitution Day 2020: 10 प्वाइंट में समझिए कि क्यों मनाते हैं संविधान दिवस