मोदी की सुनामी में भी ये दो विरोधी दल जितने पर लड़े उतने पर जीते
Recommended Video
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की सुनामी के आगे कांग्रेस सहित कई दलों को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 100 सीटें भी हासिल नहीं हुईं। यूपी और बिहार में भी महागठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बीच बीजेपी के दो विरोधी दल ऐसे रहे जिन्होंने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था, उतनी सीटों पर ही जीत भी हासिल की।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीनों सीटों पर जीत हासिल की
लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर की 6 लोकसभा सीटों में से 3 सीट पर फारूक अब्दुल्ला की जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की। कश्मीर क्षेत्र की तीनों सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर ही जीत हासिल की। इस तरह पार्टी ने 100 फीसदी सफलता का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वहीं, तमिलनाडु में डीएमके ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत दर्ज की। तमिलनाडु में डीएमके के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस को 8 सीटों पर जीत मिली। AIADMK ने साल 2014 में 37 लोकसभा सीटें जीती थीं लेकिन 2019 के चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने में पार्टी कामयाब हो सकी।
डीएमके ने 23 में 23 सीटों पर जीत हासिल की
पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिष्ठित श्रीनगर-बडगाम लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की, जबकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अकबर लोन ने बारामूला सीट पर जीत हासिल की। अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार सैयद मोहसिन को 70,050 मतों के अंतर से हराया। नेशनल कांफ्रेंस उम्मीदवार और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हसनैन मसूदी ने कांग्रेस के अहमद मीर को मात दी। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा तीसरे स्थान पर रहीं। महबूबा का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा और उन्हें केवल 30 हजार 500 वोट मिले। अब्दुल्ला की बात करें तो वे चौथी बार संसद पहुंचेंगे। साल 2014 के चुनाव में फारूक अब्दुल्ला को पीडीपी के तारिक हामिद कर्रा ने मात दी थी लेकिन उपचुनाव में अब्दुल्ला ने फिर से जीत दर्ज की।
इन दो दलों का 100 फीसदी रहा रिकॉर्ड
जीत के बाद अब्दुल्ला ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। जम्मू-कश्मीर की बाकी 3 सीटों की बात करें तो, इन सभी पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। वोट फीसदी के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी ने यहां रिकॉर्ड 46.39 फीसदी मत अपने नाम किए हैं। जबकि कांग्रेस ने 28.47 फीसदी वोट हासिल किया, लेकिन यहां कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। वहीं, इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हार का सामना करना पड़ा।