Coronavirus के खौफ में भी नहीं थमा शाहीन बाग में बच्चों के साथ प्रदर्शन का दौर, दर्ज हुई शिकायत
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को लेकर फैले दहशत के बीच केंद्र और राज्य सरकारों ने स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों को बंद करने के साथ-साथ लोगों को एक स्थान पर इकट्टा होने के लिए भी मना किया है। मंगलवार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी आदेश जारी करते हुए कहा कि लोगों को एक स्थान पर एकत्र होने की अनुमति नहीं है फिर चाहे वह प्रदर्शन हो या कुछ और। सरकार के इस आदेश और कोरोना वायरस का डर भी दिल्ली के शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों को हिला नहीं सका।
15 दिसंबर, 2019 से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में धरने पर बैठीं महिलाएं और पुरुष कोरोना वायरस के चलते भी अपना स्थान छोड़ने को तैयार नहीं है। सरकार और दिल्ली पुलिस के समझाने पर भी वह अपना धरना जारी रखना चाहते हैं। इसी बीच बुधवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को एक शिकायत मिली जिसमें कहा गया है कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के साथ बैठे बच्चों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का डर है। इस शिकायत में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर सवाल उठाया गया है।
National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR): The Commission received a complaint yesterday, regarding assembly of people including children and infants in Shaheen Bagh protests amidst the spread of #COVID19. pic.twitter.com/M0UIfZmhNj
— ANI (@ANI) March 18, 2020
शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और खतरे को देखते हुए शाहीन बाग में बच्चों की मौजूदगी पर कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर दो महीने पहले भी ऐसे ही सवाल उठे थे जब एक नवजात की मौत हो गई थी। बता दें दुनिया में अपना कहर फैलाने वाले कोरोना (Covid-19) के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। इस कड़ी मेंदिल्ली सरकार की तरफ से किसी एक स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने की मनाही है। ऐसा करने पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी तक के निर्देश दिए गए है। इतना ही नहीं इसका उल्लंघन करने वालों पर केस दर्ज कर दो साल तक जेल भेजने का प्रवाधान किया गया है।
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से निपटने में हो रहे खर्च को लेकर गृह मंत्रालय का राज्य सरकारों को अहम निर्देश