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National Bravery Award 2020: पीएम मोदी भी करना चाहते हैं जिन्हें शेयर, पढ़िए छोटे बच्चों की बड़ी बहादुरी की कहानियां

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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दो दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 के 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से सम्मानित किए गए बच्चों से मुलाकात की, इस दौरान पीएम ने कहा, मैं सच में हैरान हूं कि इतनी कम आयु में आपने अदभुत कार्य किए, साथ ही उन्होंने कहा कि आपके साहस की कहानी को मैं सोशल मीडिया पर पोस्ट करूंगा ताकि बाकी बच्चे भी प्रेरणा ले सकें। मालूम हो कि राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत में हर वर्ष 26 जनवरी से एक या दो दिन पहले बहादुर बच्चों को दिए जाते हैं, भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में ये पुरस्कार शुरु किये थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है, सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है। 26 जनवरी के दिन ये बहादुर बच्चे हाथी पर सवारी करते हुए गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित होते हैं।

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National Bravery Award 2020: पीएम मोदी करेंगे बच्चों की कहानियां शेयर | Oneindia Hindi

चलिए जानते हैं वीरता पुरस्कार पाने वाले इन बच्चों की कहानियां...

जम्मू-कश्मीर के दो बहादुर बच्‍चों को मिला ये वीरता पुरस्कार

जम्मू-कश्मीर के दो बहादुर बच्‍चों को मिला ये वीरता पुरस्कार

बहादुर बच्‍चों में जम्मू-कश्मीर के दो बच्चे शामिल हैं, जिनमें से एक कुपवाड़ा निवासी 16 वर्षीय सरताज मोहिदन हैं तो दूसरे का नाम मुदासिर अशरफ है जो कि बडगाम के रहने वाले हैं और जिनकी उम्र 19 साल है, इन्हें वीरता पुरस्कार और सरताज मोहिदीन मुगल को श्रवण पुरस्कार मिला है।

मुदासिर अशरफ आग में कूद पड़ा था

हवाई हमले के बाद बडगाम जिले में वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसके अंदर ग्रामीण किफायत हुसैन बुरी तरह से झुलस गया था, जिसको बचाने के लिए मुदासिर अशरफ आग में कूद पड़ा था, आग की लपटों में घिरे किफायत को उसने बाहर निकाला लेकिन बुरी तरह झुलसने के कारण उसने दम तोड़ दिया।

परिवार के सदस्यों की बचाई जान

जबकि कुपवाड़ा के सरताज ने पिछले साल पाकिस्तान की ओर से किए सीजफायर उल्लंघन के दौरान घर में आग लगने पर जान की बाजी लगाकर परिवार के सदस्यों को सुरक्षित निकाला था।

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वीर मुहम्मद मुहसीन को मरणोपरांत सम्मान

तो वहीं इस बार के वीरता पुरस्कार से कर्नाटक के वेंकटेश को सम्‍मानित किया गया है, जिसने कर्नाटक में भीषण बाढ़ के दौरान एंबुलेंस को रास्‍ता बताकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी तो वहीं पड़ोसी राज्य केरल के वीर मुहम्मद मुहसीन को मरणोपरांत यह सम्‍मान दिया गया है, क्योंकि इन्होंने समुद्र में फंसे अपने तीन मित्रों की जान बचाई थी, जबकि वो खुद की जान नहीं बचा पाए।

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवॉर्ड

यही नहीं बेंगलुरू के यश अराध्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवॉर्ड पाने वाले देश के पहले मोटरस्पोटर्स खिलाड़ी बन गए हैं, 17 साल के यश नौ साल की उम्र से रेसिंग ट्रैक पर अपना जलवा दिखा रहे हैं, यश के नाम 65 पोडियम फिनिश और 12 पुरस्कार हैं।

भारत अवार्ड

भारत अवार्ड

जबकि केरल के आदित्य के. को भारत अवार्ड दिया गया, आदित्य ने पर्यटकों से भरी एक बस मे आग लग जाने पर बहादुरी दिखाते हुए उस बस के शीशे तोड़ कर 40 से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाई थी, आदित्य उस बस में सवार था और आग लगने के बाद बस का ड्राइवर बस छोड़ कर भाग गया था और यात्री धुआं भरने की वजह से चीख पुकार करने लगे थे। ऐसे में आदित्य ने सूझबूझ दिखाते हुए बस के शीशे को तोड़ दिया जिससे यात्री बाहर निकल पाए।

उत्तराखंड की इस लड़की ने किया कमाल

उत्तराखंड जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडाई तल्ली गांव की रहने वाली 11 साल की राखी ने अपने चार साल के भाई राघव को की जान तेंदूए से बचाई थी, उसने अपने भाई के लिए खुद की जान जोखिम में डाल दी थी और उसने तेंदूए से बहादुरी का सामना किया और अपने भाई की जान बचाने में सफल हुई।

13 साल की अलाइका का कमाल

13 साल की अलाइका का कमाल

13 साल की अलाइका उस वक्त अपने माता, पिता और दादा के लिए फरिश्ता बन गईं, जब उनकी कार अचानक रोड से टकराकर एक पेड़ की टहनी से अटक गई थी, नीचे खाई थी यानी की मौत साफ दिख रही थी, ऐसे में अलाइका ने सूझ बूझ दिखाई और बिना धैर्य खोए खुद कार से बाहर निकली और लोगों को मदद के लिए बुलाया।

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English summary
Ahead of Republic Day every year, children from different parts of the country are awarded for meritorious acts of bravery against all odds.The inspiring stories of 6 children who won the National Bravery Award.
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