National anti-terrorism day 2020: क्यों मनाया जाता है यह दिन, राजीव गांधी से जुड़ा है इतिहास
नई दिल्ली। 21 मई को देशभर में आतंकवाद-रोधी दिवस मनाया जाता है। भारत जो पिछले कई दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, वहां इस दिन की अहमियत काफी बढ़ जाती है। यह दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की स्मृति में मनाया जाता है जिनकी सन् 1991 में आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। इस दिन को मनाने का मकसद देश-विरोधी उन ताकतों को संदेश देना है जो आतंकवाद की आड़ में भारत को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।
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क्या हुआ था सन् 1991 में
भारत, लोगों के बीच शांति और मानवता के संदेश को बढ़ाकर लोगों में एकता का संदेश देना चाहता है। राजीव गांधी सन् 1984 से 1989 तक देश के पीएम रहे। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक रैली में सुसाइड ब्लास्ट में उनकी हत्या कर दी गई थी। राजीव की उम्र बस 40 साल थी जब उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उनके नाम पर देश के सबसे युवा पीएम बनने का रिकॉर्ड था। जिस ब्लास्ट में राजीव की हत्या हुई थी उसमें 25 और लोग मारे गए थे। जिस महिला ने उनकी हत्या की थी वह श्रीलंका के आतंकी संगठन लिब्रेशन ऑफ तमिल टाइगर इलम यानी एलटीटीई से जुड़ी थी। हमलावर ने अपनी कमर पर विस्फोटक बांधा हुआ था। महिला ने ऐसा दिखाया कि उसे राजीव के पैर छुने है और उसे आगे जाने दिया गया। महिला जैसे ही पैर छुने के लिए झुकी उसने अपनी कमर पर बंधी बेल्ट का बटन दबा दिया। जिस समय यह घटना हुई, भारत की पीस कीपिंग का फोर्स श्रीलंका में खत्म हुआ था। दो आयोगों की तरफ से इसकी जांच हुई थी और तब जाकर दोषियों पर आरोप तय हो सके थे।